logo

अब खेतौरी समाज ने उठाई ST वर्ग में शामिल करने की मांग, वोट बहिष्कार की दी चेतावनी

a1516.jpeg

द फॉलोअप डेस्क, दुमका:

बुधवार को दुमका जिला के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत सरंगपानी गांव में खेतोरी आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिला के खेतौरी जाति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए ज्योतिष चंद्र सिंह ने कहा कि आजादी के बाद वर्ष 1950 तक खेतौरी आदिवासी की सूची में शामिल था लेकिन 1952 में इसे एसटी श्रेणी से हटा दिया गया। तब से लेकर आज तक तकरीबन 7 दशक से समाज, एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। ज्योतिष सिंह ने कहा कि वर्ष 2004 में तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने केंद्र सरकार के पास खेतौरी जाति को एसटी वर्ग में शामिल करने की अनुशंसा की थी। 

रामदयाल मुंडा शोध संस्थान ने किया था सर्वे
ज्योतिष सिंह ने कहा कि वर्ष 2004 से लेकर अब तक करीब 5 बार रांची स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान द्वारा एथनोग्राफी रिपोर्ट तैयार की गई लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने खेतौरी समाज को एसटी वर्ग में शामिल करने की दिशा में सकारात्मक पहली नहीं की है।

खेतौरी समाज ने सामूहिक वोट बहिष्कार की चेतावनी दी
बैठक में शामिल समाज के लोगों ने कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकार खेतौरी जाति को दोबारा एसटी वर्ग में शामिल करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं करती है तो समाज सामूहिक वोट बहिष्कार करेगा। इस बैठक में जिला परिषद सदस्य (जरमुंडी), पार्वती देवी, राधिका देवी, सुलोचना देवी, श्रीकांत राउत, रंजीत कुमार, अरविंद मांझी, शक्ति दर्वे, फनी नायक, डुगरू कुंवर, रामफल नायक, लंबोदर दर्वे, नंदलाल, असामी लायक, पवन राय और ललित मांझी उपस्थित थे।