logo

भाषा विवाद : डेढ़ करोड़ भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषियों के सामने हेमंत सरकार का चेहरा बेनकाबः कैलाश यादव

KAILU.jpg

रांचीः
अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने बोकारो, धनबाद से भोजपुरी मगही को जिला स्तरीय क्षेत्रीय भाषा के सूची से हटाए जाने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार ने प्रायोजित तरीके से भाषा विवाद शुरू किया है। उन्होंने जेएसएससी आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा से भोजपुरी मगही मैथिली को तरजीह नहीं देने का फैसला सुनियोजित था। भाषा विवाद के माध्यम से राज्य के बहुसंख्य बिहारियों को टारगेट किया गया, उन्हें घुसपैठिए, अतिक्रमणकारी और बाहरी कह कर जनभावना को भड़काया गया। 


 

डेढ़ करोड़ लोगो के सामने चेहरा बेनकाब 
यादव ने कहा कि सरकार में शामिल जेएमएम कांग्रेस, भोजपुरी, मगही, मैथिली जनविरोधी पार्टी है, क्योंकि CM हेमन्त सोरेन ने सार्वजनिक तौर से इन भाषाओं को हटाने की अनुशंसा की है। इनका असली चेहरा डेढ़ करोड़ भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषियों के सामने बेनकाब हो गया है। यादव ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व में किस आधार पर भोजपुरी मगही को क्षेत्रीय भाषा में शामिल की गई थी और अब किस आधार पर इसे हटा दिया गया है।  इसका मापदंड क्या है ? निश्चित तौर झारखंड के राज्यपाल महोदय से मिलकर भाषा के मामले में मनमानी निर्णय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी। 


 

कल धुर्वा बस स्टैंड श्रद्धांजलि कार्यक्रम 
राज्य में जेएमएम कांग्रेस और बीजेपी सहित अन्य पार्टियों के भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा बोलने वाले लगभग 40 फीसदी निर्वाचित विधायकों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, क्योंकि इस निर्णय से लोग काफी आहत हैं। कल 20 फरवरी को शाम 5 बजे से धुर्वा बस स्टैंड पर डोमिसाइल आंदोलन में शहीद दीपक बबलू के तस्वीर पर श्रद्धांजलि दी जाएगी।