द फॉलोअप डेस्क
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा में कथित पेपर लीक मामले को लेकर अब अभ्यर्थी हाईकोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं। करीब 1200 से अधिक अभ्यर्थी सोमवार को अपने एडमिट कार्ड और आधार कार्ड के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। ये सभी अभ्यर्थी विभिन्न जिलों से हैं और उनका कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI को मामला सौंपा जाना चाहिए। ताकि पेपर लीक के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
अभ्यर्थियों ने SIT को सौंपे 8 सबूत
अभ्यर्थियों का आरोप है कि CID की SIT इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन जिस तरीके से जांच प्रक्रिया चल रही है, उससे उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही। इसी कारण वे अब हाईकोर्ट में अपील करने जा रहे हैं। बता दें कि अभ्यर्थियों ने SIT को इस संबंध में 8 महत्वपूर्ण साक्ष्य भी सौंपे हैं, जिनमें 5 मोबाइल फोन शामिल हैं। इन मोबाइल में परीक्षा से पहले अलग-अलग केंद्रों पर कागज पर लिखे गए उत्तरों के वीडियो और फोटो भी मिले थे। इसके अलावा अभ्यर्थियों ने SIT को सोशल मीडिया पर वायरल हुए उत्तर भी दिए हैं, जो परीक्षा से पहले अपलोड किए गए थे।
2229 अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन पूरा
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने 16 से 20 दिसंबर तक आयोजित सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 2231 अभ्यर्थियों को बुलाया था। इनमें से 2229 अभ्यर्थी वेरिफिकेशन के लिए उपस्थित हुए, जबकि दो अभ्यर्थी वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे। हालांकि, इसके बाद भी अंतिम रिजल्ट का ऐलान हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही किया जाएगा। जानकारी हो कि पेपर लीक मामले में हुई सुनवाई के कारण हाईकोर्ट ने रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को होनी है, जिसके बाद ही रिजल्ट जारी किया जाएगा।
SIT कर चुकी है अभ्यर्थियों से पूछताछ
JSSC द्वारा झारखंड जनरल ग्रेजुएट लेवल कंबाइंड कंपीटिटिव एग्जाम (CGL)-2023 की परीक्षा का पिछले साल 21 और 22 सितंबर को आयोजन किया गया था। इसमें कुल 6.40 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसके लिए राज्यभर में 823 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। लेकिन परीक्षा के बाद पेपर लीक होने की खबर सामने आई, जिसे लेकर रातू थाना में FIR दर्ज की गई।FIR को टेकओवर करते हुए CID ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसमें CID के डीआईजी और एसपी भी शामिल हैं। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता खुद इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। SIT अब तक 10 से अधिक अभ्यर्थियों और सबूत प्रदान करने वालों से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा, अभ्यर्थियों से प्राप्त साक्ष्यों की भी गहरी छानबीन की जा रही है, ताकि मामले के असल दोषियों तक पहुंचा जा सके।
इंटरनेट बंद करने पर हुआ था हंगामा
जानकारी हो कि परीक्षा को लेकर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। इस पर गृह विभाग ने बताया था कि पेपर लीक जैसे मामले से बचने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है। जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था। इस पर हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि परीक्षा के लिए इंटरनेट सेवा बाधित करना सही नहीं है। भविष्य में ऐसा कुछ करने के लिए पूर्व सरकार को हाईकोर्ट से आदेश लेना होगा।