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संघर्ष से सफलता तक का सफर, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए बना रांची यूनिवर्सिटी का टॉपर; जानिए पूरी कहानी 

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द फॉलोअप डेस्क 
सिमडेगा जिले के कोलेबिरा प्रखंड स्थित बारस्लोया गांव के रहने वाले कुलदीप डांग  रांची यूनिवर्सिटी के टॉपर बने हैं। उन्हें 7 मार्च को रांची यूनिवर्सिटी के 38वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार गोल्ड मेडल देकर सम्मानित करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूजीसी-नेट परीक्षा भी पास कर ली है। 

अभाव में पले-बढ़े कुलदीप डांग ने अपनी मेहनत और संघर्ष से सफलता की नई कहानी लिखी है। उनके पिता इलियाजर डांग की असामयिक मौत के बाद, मां ने मेहनत कर परिवार को संभाला। उनकी मां जंगल से दातून और कंदमूल बेचकर घर चलाती थीं, लेकिन बेटे ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए पढ़ाई जारी रखी और रांची यूनिवर्सिटी के टॉपर बने। इतना ही नहीं, कुलदीप ने पहले ही प्रयास में यूजीसी-नेट परीक्षा भी पास कर ली। कुलदीप वर्तमान में रांची यूनिवर्सिटी के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में रिसर्च कर रहे हैं। उनका सपना पीएचडी पूरी कर प्रोफेसर बनना है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उच्च शिक्षा पाने में मदद मिल सके। 

उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए भी उन्होंने पढ़ाई के लिए समय निकाला। जब रात की ड्यूटी होती तो दिन में पढ़ाई करते और जब दिन की ड्यूटी होती तो रात में पढ़ाई करते। रोजाना 6 घंटे पढ़ाई की, जिसका नतीजा भी शानदार मिला। कुलदीप ने एसएस हाईस्कूल बानो से मैट्रिक और एसएस प्लस टू हाईस्कूल खूंटी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने रांची यूनिवर्सिटी से स्नातक और फिर पीजी टीआरएल से मुंडारी भाषा में मास्टर डिग्री ली। पीजी परीक्षा में 76.44% अंक लाकर रांची यूनिवर्सिटी के टॉपर बने और अब उनकी नजर प्रोफेसर बनने के लक्ष्य पर है।

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