द फॉलोअप डेस्क, रांची:
लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। 4 जून को मतगणना होगी। मतगणना की पूर्व संध्या पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस को संबोधित करते हुए जहां एक ओर झारखंड की 14 में से 10 लोकसभा सीटों पर बढ़त का दावा किया वहीं केंद्रीय निर्वाचन आयोग की भूमिका और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाये। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल निर्वाचन आयोग की परीक्षा है इस मायने में कि वो कैसे अपनी निष्पक्षता और विश्वसनीयता बरकरार रखती है क्योंकि इससे ही साबित होगा कि देश में आज भी लोकतंत्र मजबूत है और पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतगणना से पूर्व आयोजित प्रेस वार्ता में व्यक्तव्य की शालीनता का मान-मर्दन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे चुनाव अभियान के दौरान निर्वाचन आयोग ने अपने कान और आंख बंद कर रखे थे।
चुनाव कैंपेन में लोकतंत्र का गला घोंटा गया
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ने बहुत अच्छी-अच्छी बातें कही थी। शेर भी अर्ज किया था लेकिन, बाद में लोकतंत्र का गला घोंटा गया। निर्वाचन आयोग ने सत्तापक्ष के खिलाफ मिली शिकायतों को अपने दराज में बंद कर दिया। वर्ग और राजनीतिक विशेष की सोच और कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाया। हालांकि, यह गनीमत है कि भीषण गर्मी में भी 65-66 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मतदान के आंकड़े भी संदिग्ध हैं क्योंकि वास्तविक आंकड़े काफी देरी से जारी किये गये। कल काउंटिंग है और अभी तक 7वें चरण की वोटिंग के आखिरी आंकड़े सामने नहीं आये हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास और विश्वसनीयता का बड़ा महत्व है। न्याय को तभी पूर्ण माना जाता है जब वह केवल शब्दों में नहीं हो बल्कि हम उसे धरातल पर फलीभूत होता हुआ भी देखें।
भयमुक्त और निष्पक्ष हो काउंटिंग की प्रक्रिया!
झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि कल काउंटिंग है। यह पुणित काम बिना किसी बाधा अथवा पक्ष विशेष के समर्थन में हुए बिना संचालित होना चाहिए। इस बार पोस्टल बैलेट के माध्यम से कई सेक्टरों को जोड़ा गया था। मीडियाकर्मी, बुजुर्ग, दिव्यांग और सर्विस सेक्टर के लोगों के लिए पोस्टल बैलेट से वोटिंग की व्यवस्था की गई थी। हम चाहते हैं कि पोस्टल बैलेट के वोटों गा मिलान और गिनती पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। उसे बाद के लिए बचाकर रखने की जरूरत नहीं है। काउंटिंग के समय पावर कट नहीं होना चाहिए। जेनरेटर की व्यवस्था काउंटिंग की शुरुआत से ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पावर कट की स्थिति में ईवीएम को रि-स्टार्ट करना होगा जिसमें गड़बड़ी की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि हर चुनाव के बाद नये सिरे से ईवीएम की प्रोग्रामिंग होती है इसलिए उसमें गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अंतिम प्रत्याशी तक काउंटिंग की प्रक्रिया से संतुष्ट हो!
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि काउंटिंग को लेकर यदि किसी भी प्रत्याशी के मन में आशंका हो तो वह शुल्क का भुगतान कर इसका निदान करा सकता है। हमारा निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि अंतिम नतीजा घोषित करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि सभी प्रत्याशी नतीजों से संतुष्ट हैं। यदि आशंका है तो वीवीपैट से मिलान करें। निर्वाचन आयोग इसके लिए जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि कल निर्वाचन आयोग के लिए परीक्षा का दिन है। हमलोगों ने निर्वाचन आयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता और सम्मान देते हुए उनके नियम-कानूनों और गाइडलाइन का अक्षरश: पालन किया है। अब यह आयोग की जिम्मेदारी है कि साबित करे भारत में लोकतंत्र मजबूत है और दुनिया के लिए उदाहरण भी।