द फॉलोअप डेस्क
गिरिडीह परिसदन भवन में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आज झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (JHASA), (जिला इकाई गिरिडीह) की बैठक हुई। बैठक में डुमरी प्रखंड में हुई पंचायत सचिव की आत्महत्या प्रकरण के संबंध में बिंदुवार चर्चा की गई। बैठक में डुमरी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को मामले में नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर रोष एवं क्षोभ प्रदर्शित किया गया। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश के बावजूद भी बिना प्रशासी विभाग की अनुमति के प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर थाना प्रभारी के विरुद्ध उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर ज्ञापन देने तथा थाना प्रभारी के विरुद्ध कारवाई करने की माँग करने का निर्णय लिया गया।
साथ ही राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से निर्गत निर्देश के अनुपालन सुनिश्चित करते हुए जिला इकाई के स्तर से केंद्रीय समिति को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। केन्द्रीय समिति से अनुरोध किया जायेगा कि सभी प्रशासी विभाग विशेषकर पुलिस संस्थानों से उक्त पत्र का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाय। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री को भी देते हुए इसकी प्रतिलिपि सभी प्रमंडलीय आयुक्त और उपायुक्त महोदय को प्रेषित किया जाय। केन्द्रीय समिति को इस आशय का भी प्रास्ताव भेजे जाने का निर्णय लिया गया कि अपने नियंत्री पदाधिकारी के द्वारा पर्यवेक्षण या अनुश्रवण के क्रम में कही गई बातों से यदि प्रताड़ित होने की बात को सही माना जाएगा तो जिला इकाई के पदाधिकारियों द्वारा कि जाने वाली समीक्षा बैठक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ।ऐसी स्थिति गहन चिंता का विषय है एवं इससे विकास कार्यों कि गति भी प्रभावित होना स्वाभाविक है।
इसके अलावा झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के द्वारा उनकी मृत्यु पर शोक प्रकट किया गया तथा उनकी परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गयी। साथ ही संघ के द्वारा यह अवगत कराया गया कि डुमरी प्रखंड के संबंधित पंचायत सचिव अपने सेवा काल में बगोदर प्रखंड में पदस्थापन काल में भी पदाधिकारी के निर्देश के अवहेलना के आरोप में निलंबित हुए थे, पीरटाड़ प्रखंड में पदस्थापन काल में भी इनके द्वारा आत्महत्या/आत्मदाह की धमकी दी गई थी, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा उपायुक्त महोदय को विधिवत सूचित किया गया था। उक्त पंचायत सचिव की मनोवृत्ति तथा मानसिकता कमजोर होने तथा उसके अस्थिर चित्त के होने की भी बात प्रकाश में आई थी, उक्त के आलोक में पंचायत सचिव के कथन के आधार पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरी के विरुद्ध आरोप लगाया जाना बेबुनियाद है।