द फॉलोअप डेस्क, रांची
झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा कानून को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पेसा कानून को 2 महीने के अंदर लागू करने का आदेश दिया है। बता दें कि जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण राय 29 जुलाई को ही फैसला सुना चुके हैं। 3 महीने बीत जाने के बाद यह न्यायिक आदेश सचिवालय पहुंचा है। बता दें कि पेसा कानून को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में 3 याचिकाएं दायर की गई हैं। हाईकोर्ट से मिले आदेश के बाद झारखंड जनजातिये सलाहकार परिषद का गठन किया जायेगा। आने वाले जनवरी महीने में टीम का गठन किया जा सकता है। इसके बाद प्रस्ताव जनजातिये कल्याण विभाग द्वारा तैयार किया जायेगा। इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निणर्य लेंगे।
भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
पेसा कानून को लेकर बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। प्रतुल ने कहा कि पेसा कानून नियमावली बनकर तैयार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के केवल हस्ताक्षर से इस कानून को धरातल पर उतारा जा सकता है। लेकिन अबतक केवल पेसा कानून के नाम पर हेमंत की सरकार ने आदिवासियों की आंखों में धूल झोंक रही है। उन्होंने कहा कि अब तो हाईकोर्ट ने भी फटकार लगाई है। शायद अब हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार पेसा कानून लागु कर दे।
झामुमो ने कहा हाईकोर्ट के आदेश का पालन होगा
वहीं झामुमो ने भी पेसा कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। झामुमो नेता बिनोद पांडेय ने कहा कि पेसा कानून को लेकर झारखंड में अगर कोई पार्टी ने मांग उठाई तो वह झारखंड मुक्ति मोर्चा है। हमलोग शुरआती दिनों से पेसा कानून के पक्षधर रहे हैं। हमारे नेता लंबे समय से सदन से सड़क तक पेसा कानून लागु करने की मांग करते आए हैं। बिनोद पांण्डेय ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कार्यकाल के समय पेसा कानून पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। बिनोद पांडेय ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जल्द से जल्द पेसा कानून को धरातल पर उतारा जायेगा।