द फॉलोअप डेस्क
झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्वी सिंहभूम के पोटका ब्लॉक में 10 वर्षों से अधिक समय से दैनिक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत राधेश्याम मंडल की रिट याचिका स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति आनंदा सेन की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थी 10 साल से अधिक समय से अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर सेवा दे रहा है, इसे देखते हुए उसे नियमित किया जाए।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि राधेश्याम मंडल 2 मार्च 2007 से पोटका ब्लॉक में दैनिक कर्मी के रूप में काम कर रहे हैं। वे इंटरमीडिएट पास हैं और कंप्यूटर ऑपरेशन में प्रशिक्षित हैं। उन्हें कंप्यूटर टीचिंग का भी अनुभव है। अधिवक्ता ने आग्रह किया कि उनकी सेवा को कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में स्थाई किया जाए या सरकार के किसी अन्य विभाग में समायोजित किया जाए।
अधिवक्ता ने तर्क दिया कि वर्तमान में कंप्यूटर ऑपरेटर का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। भले ही यह पद स्वीकृत न हो, लेकिन इस पर उनसे 10 साल से अधिक समय से काम लिया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पद स्वीकृत करने योग्य है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों का भी हवाला दिया जिनमें संविदा या दैनिक कर्मियों को नियमित करने का निर्देश दिया गया है। प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद, कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लेख करते हुए सरकार को राधेश्याम मंडल को तत्काल नियमित करने का आदेश दिया।