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गांव को प्राथमिकता देकर हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के लिए काम किया, मीडिया संवाद में बोले सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्कः
हेमंत सोरेन की सरकार कल चार साल पूरे कर लेगी। ऐसे में आज सीएम हेमंत खुद मीडिया के सामने आये और उन्होंने अपनी चार साल की यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि 29 दिसंबर को सरकार के 4 साल पूरे होंगे। इस संदर्भ में आप और राज्य जानना चाहता है कि सरकार ने 4 साल कैसे काम किया है। इस संदर्भ में समय समय पर जानकारी दी जाती रही है। सरकार तो जरूर हमलोगों ने बनाई लेकिन जिस प्रकार हमने दिशा देने का पूरा प्रयास किया वह छिपा नहीं है। सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोविड आया। लॉकडाउन लगा। झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। किसान, मजदूर, गरीब, दलित, पिछड़ा के लिए आपदा अवसाद के बराबर थी। वैश्विक महामारी में औऱ राज्यों के अनुपात में हमारे राज्य में अफरा-तफरी की स्थिति कम रही। स्थिति नियंत्रण में थी। काफी शांतिपूर्ण ढंग से वैश्विक महामारी से निपटे। खुशी है कि राज्य के गरीब, असहाय, मजदूरों को वैश्विक महामारी में कुछ होने नहीं दिया। इस दौरान हमारे 2 मंत्रियों ने शहादत दी। कोविड का बादल छंटने लगा तो हमने वादे के अनुरूप कि ये झारखंडियों की सरकार है, हमने राज्य के प्रत्येक वर्ग के लिए संकल्पित काम किया। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम लॉन्च किया। 2021 से ही राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास किया। कल ही 2023 में तीसरा चरण खत्म हुआ। देश का सबसे पिछड़ा राज्य होने की वजह से गरीबी, पिछड़ापन, शैक्षणि, आर्थिक, सामाजिक पिछड़ापन था। इसे कम करने का प्रयास किया। आम लोगों के साथ-साथ राज्यकर्मियों को भी संवेदनशील बनाने का प्रयास किया। सरकार बनने से पहले फैसला किया था कि सरकार गांव से चलेगी। नागरिकों की भावना का खयाल रखा जाएगा। देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है। संघीय ढांटा है। राज्य और केंद्र के बीच समनव्य स्थापित कररना होता है लेकिन झारखंड जैसे राज्य को जितने सहयोग की जरूरत है, उसके हिसाब से सहयोग नहीं मिला। बावजूद इसके हमने काम किया। 

योजनाओं से नागरिकों को जोड़ने का प्रयास
किसानों, मजदूरों, महिलाओं, बेरोजगार युवा, के लिए योजनाएं बनाईं। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को जोड़ने का प्रयास किया। राज्य को सर्वांगीण विकास गांव को छोड़कर संभव नहीं है। गांव मजबूत होगा तो शहर मजबूत होगा और शहर मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा। राज्य गठन का 23वां साल चल रहा है। 2025 में झारखंड 25 साल का युवा होगा। इसको मजबूती प्रदान करने की जो जिम्मेदारी थी, विपक्ष को सबसे ज्यादा मौका मिला लेकिन आज कोई नहीं कह सकता कि आने वाले 25वें साल में झारखंड इतना मजबूत हो चुका है कि हर चुनौती से लड़ सकता है। आज झारखंड की आत्मा को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमने कमियों को कम करने का प्रयास किया। हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास किया। सरकार के अंग के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को पुलिस, शिक्षक, अनुबंधकर्मियों को साथ में लेकर बढ़ने का प्रयास किया। राज्यकर्मी पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चिंतित हैं।

हमने सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा

झारखंड संभवत पहला राज्य था जिसने पुरानी पेंशन योजना लॉन्च किया। बाद में कई और राज्यों ने इसे लागू किया। कई राज्यों में मांग जारी है। राज्य के सभी बुजुर्ग, विधवा/ परित्याग, दिव्यांग नागरिकों को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा। राज्य की पहली प्राथमिकता ही सामाजिक सुरक्षा होनी चाहिए थी। विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति में इजाफा किया। सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के जरिए बेटियों की सामाजिक सुरक्षा तय की। जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति से विदेश में पढ़ने का मौका दिया। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से युवाओं को स्वरोजगार दिया। सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया। सरकारी पदों पर बहालियां निकाली। उद्योग की स्थापना के लिए भी प्रयास किया। झारखंड पहला राज्य होगा जहां हाइड्रोजन से चालित इंजन का निर्माण होगा। ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा।