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झारखंड सरकार की योजनाएं ग्रामीणों के लिए वरदान, हर साल खर्च किए जाएंगे 25 हजार करोड़ 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड की हेमंत सरकार अपनी यजनाओं के माध्यम से लोक कल्याणकारी सरकार की राह पर चल रही है। हेमंत सरकार की मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना, अबुआ आवास योजना, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, मुफ्त बिजली और बकाया बिजली माफ करने जैसी योजनाएं राज्य की जनता के लिए वरदान साबित हो रही है। राज्य की जनता इन योजनाओं में बढ़-चढ़ कर रूची दिखा रही है। 

बताया जा रहा है कि इन योजनाओं को अमल में लाने के लिए राज्य सरकार की कोष से सालाना लगभग 25 हजार करोड़ की राशि खर्च होगी। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त पैसा और योजनाओं को चलाने के लिए कोई कमी नहीं होगी। पैसे के आभाव से योजना को रुकने नहीं दिया जाएगा। पैसे की कमी पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि GST की राशि बढ़ रही है और कोयला कंपनियों से बकाया वसूलने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा कुछ और भी कोशिश की जा रही है। 

वहीं यजनाओं में खर्च हो रहे पैसों के मामले में पूर्व सचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार के पास कितने पैसे हैं और वे पैसे कैसे खर्च करेंगे। लेकिन सरकार को टैक्स पेयर की मनी का सही उपयोग करना चाहिए। सरकार को रोजगार सृजन और आधारभूत संरचना निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 

इन योजनाओं के अलावा, राज्य सरकार ने 20 लाख अतिरिक्त परिवारों को मुफ्त राशन, चना दाल, नमक योजना, सहायक पुलिसकर्मियों के मानदेय में वृद्धि, बच्चों के पोषाक, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, जल सहिया, अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड वृद्धि, ग्राम प्रधानों के सम्मान राशि में वृद्धि जैसी कई अन्य योजनाओं की घोषणा की है। इन यजनाओं का भी राशि प्रति वर्ष 5 हजार करोड़ से अधिक है। 

जानकारी हो कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश किया हैं। इसमें योजना आकार 79782 करोड़ का है। सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है और उनके अमल में लाने के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से पैसा खर्च किया जाएगा। बाद में उसे द्वितीय अनुपूरक बजट में एडजस्ट करेगी।

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