डेस्क:
महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर राज्य के सभी महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने की मांग की है। आरजेडी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों को सावतां पुनरिक्षित वेतनमान का लाभ बीते 2 साल से मिल रहा है लेकिन उसी संस्था में काम करने वाले शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा गया है।
2016 से ही देय है 7वां वेतनमान
आरजेडी ने लिखा है कि सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से ही लागू है। वेतनमान पुनरिक्षण के 6 साल पूरे हो गये हैं लेकिन विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया है। इसकी वजह से कर्मचारियों को भारी वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है। सातवें वेतनमामल का लाभ मिलने की आशा में कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। कई सेवानिवृत्त हो गये।
शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मिले लाभ
झारखंड आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार ने कहा कि ये काफी गंभीर और संवेदनशील मामला है। सरकार को इसका अविलंब निराकरण करना चाहिए।
प्रवक्ता मनोज कुमार ने कहा कि मैं सरकार से दरख्वास्त करता हूं कि महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी जल्दी से जल्दी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाये।