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Ranchi : झारखंड में वेंटीलेटर पर है स्वास्थ्य व्यवस्था, गांव में खटिया पर ढोए जा रहे मरीज: प्रतुल शाहदेव

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रांची:

हेमंत सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा क़ि एक तरफ केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है तो दूसरी ओर झारखंड की हेमंत सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो चुकी  है। उन्होंने कहा क़ि 181 एम्बुलेंस सेवा फेल हो चुकी है। गांव-गांव से आज भी मरीज को खाट पर लाना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य कर्मियों और आधारभूत संरचना पर खर्च नहीं! 
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि रिम्स में आयुष्मान योजना के 9 करोड़ रूपया में 25 फीसदी इंसेंटिव के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों व 75 फीसदी इंफ़्रास्ट्राक्चर पर खर्च करना था लेकिन 1 रुपये का भी कार्य नहीं हुआ। लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिलों के अस्पताल, पीएचसी की स्थिति खराब है। डाक्टर का घोर आभाव है। उन्होंने कहा क़ि केंद्र सरकार की योजनाएं दूसरे राज्यों में सफलतापूर्वक लागू की जा रही है। केंद्र सरकार प्रत्येक स्तर पर मदद करने को तैयार है लेकिन हेमंत सरकार की लापरवाही के कारण प्रदेश क़ि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर आ गयी है।

2014 के बाद देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव आया! 
प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा क़ि 2014 के बाद देश के स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। 23 सितंबर 2018 को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य इंश्योरेंस प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की शुरुआत झारखंड से की गई। इसके तहत 17 करोड़ 90 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किया जा चुका है। बड़े-बड़े अस्पतालों में गरीब व्यक्ति का इलाज हो रहा है। इस योजना का लाभ लगभग 50 फ़ीसदी महिलाएं भी ले रही हैं। इस योजना के तहत 27300 निजी व सरकारी अस्पताल को जोड़ा गया है। 21 करोड़ से अधिक आयुष्मान हेल्थ अकाउंट बनाया गया।


उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख वैलनेस सेंटर खोला जा चुका है जबकि प्रयास है कि प्रत्येक पंचायत में एक एक सेंटर खोला जाए। जहां इलाज के साथ-साथ जांच और योगा की भी जानकारी दी जाएगी, साथ ही बीमारियों को रोकने का तरीका भी बताया जाएगा। 

जन-औषधि केंद्र के जरिये सस्ती दवाएं हो रहीं उपलब्ध
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार जन औषधि केंद्र के जरिए सस्ती दवा भी उपलब्ध करा रही है। 10,500 का लक्ष्य के तहत 8694 जन औषधि केंद्र खोला जा चुका है। टीवी डायबिटीज कैंसर और कोरोना काल में जांच में दवाई के दाम में भी केंद्र सरकार के द्वारा नियंत्रण किया गया। शाहदेव ने कहा कि 2014 से पहले सिर्फ 6 एम्स थें जो कि 7 वर्षों में 21 हो गए। 2014 तक 381 मेडिकल कॉलेज था आज इसकी संख्या बढ़कर 561 हो गई है। विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान कोरोना से निपटने के लिए चलाया गया। 


लगभग 180 करोड़ लोगों को टीका दी गई। उन्होंने कहा कि 7 वर्षों के केंद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान योगा पर विशेष फोकस किया गया। यूएनओ ने योग दिवस के प्रस्ताव पारित करते हुए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य  2025 तक टीवी मुक्त और मलेरिया मुक्त भारत करने की योजना है।