द फॉलोअप डेस्क
झारखंड भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के तरफ से आज 648वीं संत रविदास की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ रवीन्द्र कुमार राय, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किशुन दास, राज्यसभा सांसद अदित्य साहु और धनबाद से सांसद ढुल्लू महतो मौजूद रहे।
बताया गया कि डॉ रविंद्र राय ने दीप जलाकर और संत रविदास की तस्वीर पर माला चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा- संत शिरोमणि रविदास महाराज ने जात-पात, छुआछूत, ऊंच-नीच को भूलाकर इंसानियत के साथ समाज और देश को एक करने की प्रेरणा दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति मोर्चा के माध्यम से अनुसूचित जाति समाज को आगे बढ़ाने का काम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर रही है।वहीं, मौके पर मौजूद कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय ने कहा कि भाजपा ने अनुसूचित जाति के बीच संगठन को मजबूत करने के लिए इस कार्यक्रम को आयोजन किया है। वहीं, कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि संत रविदास ने आजीवन चर्मकार का ही कार्य किया लेकिन कभी भी मन में किसी प्रकार की कुंठा नहीं रखी, तिरस्कार का भाव नहीं रखा। चर्मकार का कार्य करते हुए खुद को संसार में स्थापित कर यह संदेश दिया कि यदि मन में लगन और भक्ति हो तो कोई भी व्यक्ति संत शिरोमणि बन सकता है।
उन्होंने कहा कि एक राजा की बेटी मीराबाई को भी संत रविदास की शिष्या बनने का सौभाग्य मिला और वहीं से उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि कैसे सिकंदर लोदी ने संत शिरोमणि रविदास की लोकप्रियता से घबरा कर उन्हें अपना धर्म बदलने का दबाव बनाया। लेकिन रविदास ने कभी भी उनका धर्म नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि यह हमारे हिंदू समाज और सनातन धर्म का ही देन है कि हम स्वतंत्र भाव से अपना जीवन जीते हैं।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किशुन दास ने संत रविदास महाराज के संदेश को आत्मसात करने पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने जीवनभर जात-पात और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। साथ ही समाज में भक्ति भावना के माध्यम से समानता की अलख जगाई। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को सही दिशा दिखाते हैं। उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान की दिशा में मिलकर कार्य करना चाहिए।