द फॉलोअप डेस्क
60/40 वाली नियोजन नीति के विरुद्ध व खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठनों का झारखंड बंद 10 अप्रैल को रहेगा। वहीं, 8 अप्रैल को सीएम आवास का घेराव किया जाएगा। यह निर्णय रविवार को ऑक्सीजन पार्क में छात्र संगठनों की बैठक में लिया गया। बंद का समर्थन झारखंड यूथ एशोसिएशन, झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन व तमाम छात्र संगठन, आदिवासी, मूलवासी सामाजिक संगठन भी करेंगे। बैठक में झारखंड यूथ एसोसिएशन के केंद्रीय संयोजक इमाम सफी, छात्र नेता मनोज यादव, झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के देवेंद्र नाथ महतो, युगल भारती व रांची कालेज छात्र नेता व अन्य छात्र मौजूद रहे। इमाम सफी ने कहा 08 अप्रैल का मुख्यमंत्री आवास घेराव व 10 अप्रैल का झारखंड बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण व संवैधानिक रहेगा। आंदोलन में गैर जिम्मेदाराना बयान या अन्य गतिविधि करने वाले असामाजिक तत्व को बाहर किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड यूथ एसोसिएशन के द्वारा एक अप्रैल को झारखंड बंद के नाम पर प्रशासन द्वारा हाई अलर्ट जारी करना सरकार का झारखण्ड के यूथ से खौफ को दर्शाता है। एक अप्रैल को संपूर्ण संथाल परगना बंद ऐतिहासिक रहा। सरकार 60:40 नीति वापस लेकर खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर 10 अप्रैल सोमवार को झारखण्ड बंद व आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।
बेरोजगारी की फौज हो गई है तैयार
झारखंड बने 22 साल के बाद एक भी स्थानीय नीति, नियोजन नीति नहीं बना। अगर कोई नीति बना भी तो न्यायालय द्वारा रद्द हो गई। नीति के कारण नियुक्ति रूकी हुई है। छात्रों का कहना है कि 2017 से कोई प्रतियोगिता परीक्षा नहीं हो सकी। कुछ हुई तो विवादित हो गई। यही कारण है कि बेरोजगारी की फौज तैयार हो गई। बेरोजगारी से पलायन व आत्महत्या की संख्या बढ़ गई है। लाचार- बेबस छात्र आंदोलन करने को मजबूर हैं। दूसरी ओर लाठीचार्ज व फर्जी केस-मुकदमा की चक्कर में फंसते जा रहे हैं। जाहिर है इससे झारखंड के युवाओं की भविष्य अंधकारमय हो गई है जिसका कोई अंत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा।
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