रांची
विधानसभा में उपाध्यक्ष का होना बेहद ही जरूरी है। उपाध्यक्ष के नहीं होने की वजह से कई तरह की समस्याएं होती हैं। यह बातें झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो ने कही। पंचम झारखण्ड विधानसभा के आखिरी सत्र की तैयारियों को लेकर हुई बैठक के दौरान वह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष के नहीं होने से सारा दारोमदार विधानसभा अध्यक्ष पर ही होता है। ऐसे में अध्यक्ष की उपस्थिति के हिसाब से ही सब कुछ तय करना पड़ता है।
2014 के बाद नहीं मिला कोई उपाध्यक्ष
साल 2014 के बाद झारखण्ड विधानसभा को कोई उपाध्यक्ष नहीं मिला। मौजूदा पंचम झारखण्ड विधानसभा भी अब आखिरी सत्र की ओर बढ़ रहा है। 26 जुलाई से तय मानसून सत्र आखिरी सत्र होगा। इसी साल झारखण्ड में विधानसभा चुनाव होना है। बता दें कि विभिन्न दलों ने इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
सभी 81 विधायक मेरे फेवरेट
एक सवाल पर झारखण्ड विधानसभा के स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो ने जवाब देते हुए कहा कि सभी 81 विधायक मेरे फेवरेट हैं, उत्कृष्ट हैं। किसी एक को चुनना सही नहीं होगा। मैं इसे वर्गीकृत करना नहीं चाहता। जिन विधायक को जो जिम्मेदारी दी गयी उन्होंने बखूबी निभाया है।