द फॉलोअप डेस्कः
दशहरा खत्म होने के बाद इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बैठक करेगा। सीट शेयरिंग होते ही झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदल भी अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकते हैं। इस बार सीट शेयरिंग में कुछ हो सकते हैं क्योंकि इस बार इंडिया गठबंधन में वामदल भी शामिल हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो को 43, कांग्रेस को 31 व राजद को 7 सीटें मिली थीं। इस बार इसमें कुछ बदलाव हो सकता है। सीट शेयरिंग से पहले जीत का समीकरण देखा जायेगा। इस बार कांग्रेस व राजद के सीटों में कटौती हो सकती है। वह सीटें को वामदल को दिया जा सकता है।
झामुमो बड़े भाई की भूमिका निभाएगा
प्रभात खबर में छपी खबर के अनुसार झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि बहुत जल्द सीट शेयरिंग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहयोगी दलों के साथ बैठक करेंगे। इसमें जाहिर है कि झामुमो बड़े भाई की भूमिका में रहेगा। लेकिन सहयोगियों का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा। इंडिया गठबंधन मजबूती के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा। किस सीट पर कौन जीत सकता है, यह विशेष रूप से देखा जायेगा। केवल सीट देने की बात नहीं है, बल्कि जीत सुनिश्चित करने की बात है।
रांची को अपने खाते में रख सकता है झामुमो
इधर रांची सीट को लेकर कांग्रेस हमेशा से कहती आ रही है कि यह सीट उसे दे दी जाये। लेकिन 2019 के चुनाव में झामुमो इस सीट से दूसरे स्थान पर रहा था। झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी व भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह के बीच मत का अंतर केवल 5904 वोट का ही था। महुआ माजी दूसरे स्थान पर थीं। हो सकता है कि मतों के अंतर को लेकर झामुमो एक बार फिर से रांची विधानसभा सीट पर दावा करेगा।