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बारिश और उमस भरे मौसम को देखते हुए पारस अस्पताल की सलाह, खान-पान में बरते सावधानी और रहे हाइड्रेटेड

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द फॉलोअप डेस्क
तपती गर्मी के बाद बारिश के मौसम की शुरूआत हो चुकी है। गर्मियों के बाद जब अचानक से बारिश का मौसम आता है तो कुछ लोगों को एलर्जी के लक्षण होने लगते हैं। यह स्किन एलर्जी या श्वसन प्रणाली से संबंधित एलर्जी हो सकती है। रांची के पारस अस्पताल की ओऱ से लोगों को सलाह दी गई है। पारस अस्पताल की ओर से स्वस्थ रहने के लिए खान-पान में सावधानी बरतनी की सलाह दी गई है। बरसात के मौसम के बाद कई बार गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए अपने हाइड्रेटेड रखने की भी बात कही गई है। 


जुकाम खांसी और वायरल बुखार के मरीजों से बढ़ रही संख्या
पारस अस्पताल के  डॉ. परमार शिव कृष्ण के अनुसार गर्मी और उमस बढ़ने से समर कोल्ड यानि नजला, जुकाम खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। कारण है कि मौसम में उमस से शरीर पर पसीना आता है। इसमें आमतौर पर त्वचा में खुजली, लालिमा, सूजन, जुकाम, छींक व खांसी आदि के लक्षण देखे जाते हैं। बारिश का मौसम बैक्टीरिया व वायरस को बढ़ने में मदद करता है। ऐसे में कई लोग बारिश के मौसम में बीमारियों से परेशान रहते हैं। 
ठंडा पानी या बर्फ का सेवन करने से बचना चाहिए
डॉ.परमार शिव कृष्ण ने इस मौसम में बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि इसमें ठंडा पानी या बर्फ का सेवन करने से बचना चाहिए। ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से गला खराब होने, नजला, जुकाम, खांसी होने के साथ वायरल बुखार होने की आशंका रहती है। इसमें छींक आना,नाक बंद होना, या नाक बहना गले में खराश होना आदि लक्षण होते है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए खान-पान में सावधानी बरतनी चाहिए। 


शरीर की इम्यूनिटी होती है प्रभावित
डॉक्टर ने आगे कहा कि मौसम में लगातार इस तरह के बदलाव सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि इस दौरान हमारा शरीर लगातार मौसम में ढलने की कोशिश करता है। इस तरह के लगातार बदलाव के दौरान हमारे शरीर की इम्यूनिटी काफी प्रभावित होती है। इस दौरान लोग काफी अधिक बीमार पड़ते हैं। ऐसे में अपनी सेहत का बहुत खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। स्वस्थ रहने के लिए हर मौसम में शरीर का हमेशा हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी होता है। इसलिए गर्मी और उमस को मात देने के लिए मानसून में पानी, जूस, नारियल पानी आदि जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए।

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