द फॉलोअप डेस्क
पलामू टाइगर रिजर्व में हाथियों का प्रजनन काल शुरू हो गया है, जिससे वे हिंसक हो रहे हैं और आपस में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी कारण पिछले 20 दिनों में 2 हाथियों की मौत हो गई। 16 फरवरी को पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में हाथियों के 2 गुटों में भिड़ंत हो गई थी, जिसमें एक हाथी की मौत हो गई। शनिवार को बेतला नेशनल पार्क के इलाके में भी हाथियों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें एक हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया। 2 दिन तक इलाज चलने के बाद उसकी भी मौत हो गई।
वन विभाग के अधिकारियों ने जांच के बाद बताया कि प्रजनन काल शुरू होने के कारण हाथी अधिक आक्रामक हो रहे हैं। PTR के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने कहा कि साल में एक बार हाथियों का प्रजनन काल आता है, जिसमें उनकी आंखों और सिर के पास से एक गीला पदार्थ निकलता है। इसी दौरान वे अधिक आक्रामक हो जाते हैं। यह हाथियों का प्राकृतिक व्यवहार है और कभी-कभी उनके हिंसक स्वरूप देखने को मिलते हैं।
झारखंड में पलामू टाइगर रिजर्व और दलमा वन क्षेत्र हाथियों के मुख्य आवास स्थल हैं। PTR में 180 से 200 हाथी हैं। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की एक टीम ने कैंप कर हाथियों के व्यवहार का आकलन किया है और जल्द ही सर्वे रिपोर्ट जारी की जाएगी। PTR के हाथी आमतौर पर कम हिंसक होते हैं और इनका एक ही दांत होता है। विभाग ने इन हाथियों की उत्पत्ति को समझने के लिए जेनेटिकल अध्ययन भी किया है। हाथियों के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को देखते हुए वन विभाग अलर्ट पर है।