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2019 में हमारी सरकार नहीं बनती तो नवजात झारखंड को कोई नहीं बचा सकता- हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्क

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर धनबाद जिले के बलियापुर पहुंचे हैं। यहां सीएम काफी तीखे केवर में नजर आए। यहां सीएम ने मंच से कहा कि यदि 2019 में हमारी सरकार नहीं बनती तो नवजात सरकार को कोई नहीं बचा सकता था। सूखे पेड़ पर हम लगातार खाद और पानी डालने का काम कर रहे हैं ताकि राज्य मजबूत हो सके। 2 वर्षों में झारखंड 25 साल का युवा हो जाएगा। हमारा लक्ष्य इसे इतनी ताकत देने की है कि झारखंड को दूसरे के सामने भीख मांगने की जरूरत न पड़े। अभी किसी तरह से काम चला रहे हैं। मैं तेजी से ग्रामीण विकास के प्रति कृतसंकल्पित हूं। कोई बता सकता है कि झारखंड में 20 वर्षों में क्या काम हुआ। 


विपक्ष सबकुछ टीन के चश्मे से देखता है
सीएम ने कहा कि राज्य में बुजुर्गों, विधवाओं औऱ दिव्यांगों को पेंशन मिलता है। विपक्ष सबकुछ टीन के चश्मे से देखता है। हम जानना चाहते हैं कि गांव में सुगबुगाहट है कि नहीं। विपक्ष के लोग भ्रष्टाचार और चोरी का आरोप लगाकर सरकार की छवि खराब करने का साजिश करते रहते हैं। गरीब बच्चियों का बाल विवाह रोकने के लिए हम सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना लाकर बदलाव का प्रयास किया। बेटियां अब सरकार की जिम्मेदारी है। यह योजना पहले 2 बेटियों के लिए लाए थे लेकिन बाद में योजना का विस्तार किया। राज्य का दुर्भाग्य है कि लोग कम पढ़े-लिखे और सीधे लोग हैं। यही वजह है कि सरप्लस बजट के साथ पैदा हुआ राज्य आज पिछड़ेपन की सीढ़ियों में लुढ़क रहा है।


नमक, तेल साबुन, कपड़ा, सब्जी सबकुछ महंगा हो गया
 सीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए जनता से पूछा, 'कोई बता सकता है कि झारखंड में 20 वर्षों में क्या काम हुआ। 400 रुपये का सिलेंडर 1200 रुपये का कैसे हो गया। 1 रुपये का प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपये का कैसे हो गया। नमक, तेल साबुन, कपड़ा, सब्जी सबकुछ महंगा हो गया। यह लोग आपकी जेब काट लेंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। कोविड नहीं होता तो पता भी नहीं चलता कि झारखंड से कितना पलायन होता है। 15 लाख से ज्यादा लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं। विपक्ष ने 20 साल में क्या काम किया। यह बड़ा सवाल है। उत्तराखंड के टनल में फंसे मजदूरों को 17 दिन लग गए। क्या किसी बड़े व्यापारी या राजनेता का बेटा इतनी देर फंसा रहता। मैंने मजदूरों को आश्वस्त किया है कि वे कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े। घर के पास ही नौकरी मिलेगी।'