द फॉलोअप डेस्क, रांची
झारखंड गृह विभाग के मुख्य सचिव अविनाश कुमार (Avinash kumar) की पत्नी प्रीति कुमारी ED दफ्तर पहुंच गई हैं। प्रीति को ईडी ने दूसरा समन कर 12 जनवरी यानि आज पूछताछ के लिए बुलाया था, देर से सही लेकिन प्रीति ईडी के सवालों का सामना करने पहुंच गई हैं। बता दें कि ऐसी कयास लगाए जा रहे थे कि प्रीति आज भी हाजिर नहीं होंगी लेकिन सभी कयास गलत साबित हुए। इससे पहले प्रीति को 3 जनवरी को हाजिर होने को कहा गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुई थी। ईडी प्रीति कुमार से बर्लिन हॉस्पिटल जमीन मामले में पूछताछ करेगी।
प्रीति कुमार के नाम से पंजीकृत है जमीन
ईडी के सूत्रों के अनुसार बर्लिन अस्पताल के कागजात को तैयार करने में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया था। प्रीति कुमार के नाम पर करीब 3 करोड़ की प्रॉपर्टी की खरीदारी हुई थी। यह खरीददारी अलग-अलग तारीख पर की गई है। जिस जमीन घोटाला मामले में ईडी जांच कर रही है, वह प्रीति कुमार के नाम से पंजीकृत है। उसी जमीन पर बने बर्लिन अस्पताल में जब ईडी की टीम ने रेड किया था, तब जमीन से जुड़े कई संदिघ्द दस्तावेज हाथ लगे थे।
5 दिसंबर को ईडी ने दस्तावेजों की जांच की थी
5 दिसंबर को सर्वे के दौरान ईडी के अधिकारी बर्लिन हॉस्पिटल के दस्तावेज खंगाल रही थी। अमीन से जमीन की नापी भी कराई गई थी। बता दें कि यह पूरा मामला रांची के बड़गाईं अंचल के खाता संख्या-54, प्लॉट नंबर-2711 की 12 कट्ठा जमीन से संबंधित है। दरअसल, ईडी को जानकारी मिली थी कि जमीन गलत तरीके से खरीदी गई है। जमीन की खरीद मूल्य बाजार मूल्य से काफी कम थी। बताया गया कि आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार की पत्नी प्रीति कुमार की खरीदी गई इस जमीन में परचेजर के रूप में डॉ. नलिनी रंजन सिन्हा और उषा सिन्हा का जिक्र किया गया था। बाद में प्रीति कुमार और टीएम ठाकुर ने जमीन खरीद लिया। बाद में टीएम ठाकुर ने रजिस्टर डीड के जरिए जमीन सरेंडर कर दिया। बताया गया कि जमीन 1 करोड़ में खरीदी गई है जबकि इसकी वास्तविक कीमत कई करोड़ रुपये है। जमीन पर बर्लिन हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया।
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