रांची
झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा 10 जून को आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपने का जो आदेश जारी किया गया था, उसे अब रद्द कर दिया गया है। गृह विभाग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह का निर्णय अपने स्तर पर न लिया जाए।
न्यूज विंग में छपी अक्षय कुमार झा की रिपोर्ट के अनुसार, गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि किसी अधिकारी को अस्थायी तौर पर प्रभार देना हो तो इसकी प्रक्रिया तय नियमों के अनुसार होनी चाहिए। एक माह तक का अतिरिक्त प्रभार देने का निर्णय मुख्य सचिव स्तर से होना चाहिए। वहीं, यदि कार्यकाल एक महीने से अधिक का हो, तो इसके लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक है।
गृह विभाग की सख्ती, मुख्यालय को चेतावनी
गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को संबोधित पत्र में लिखा है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की अनुपस्थिति की स्थिति में यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी हो तो इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन जरूरी है। लेकिन हाल के दिनों में यह देखा गया है कि पुलिस मुख्यालय अपने स्तर से ही कई अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ सौंप देता है, जो कि नियमों के खिलाफ है।
10 जून को जारी ऐसा ही एक आदेश नियम विरुद्ध माना गया है, जिसमें 8 आईपीएस अधिकारियों को बिना सक्षम स्वीकृति के खाली पदों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। गृह विभाग ने साफ कहा है कि अब से कोई भी आदेश तय प्रक्रिया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से ही जारी किया जाए।
किन अधिकारियों को मिला था अतिरिक्त प्रभार:
– जैप-10 के कमांडेंट सौरभ, अब जैप-1 के कमांडेंट का भी कार्य संभालेंगे।
– धनबाद ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी को जैप-3 का भी अतिरिक्त प्रभार मिला था।
– जामताड़ा एसपी राजकुमार मेहता को आईआरबी-1 की भी जिम्मेदारी दी गई थी।
– चतरा एसपी सुमित अग्रवाल को आईआरबी-3 का कार्यभार मिला था।
– गुमला एसपी हरीश बिन जमा को आईआरबी-5 की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।
– गोड्डा एसपी मुकेश कुमार को आईआरबी-8 का भी प्रभार मिला था।
– धनबाद सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव को रेल एसपी धनबाद का भी काम सौंपा गया था।
– जमशेदपुर ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग को रेल एसपी जमशेदपुर की जिम्मेदारी भी दी गई थी।