द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा खेल शिक्षक की बहाली प्रक्रिया में कटऑफ से ज्यादा अंक लाने के बावजूद बीबीए और बीसीए डिग्रीधारी अभ्यर्थी पूर्णिमा, अभिजीत और आशुतोष की उम्मीदवारी को कंसीडर नहीं किए जाने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया है। अभ्यर्थियों की रिट याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने जेएसएससी को निर्देश दिया है कि पूर्णिमा, अभिजीत और आशुतोष की उम्मीदवारी को कंसीडर किया जाए। बता दें कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने मुकेश रंजन और राजदेव सिंह के मामले में कहा था कि बीसीए भी साइंस स्ट्रीम का हिस्सा है।
2016 में जेएसएसी ने जारी किया था विज्ञापन
गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2016 में टीजीटी खेल शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाया गया था। जेएसएससी ने अभ्यर्थियों के लिए साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम में 45 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन की अहर्ता तय की थी। वहीं, रिट याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों के पास बीबीए और बीसीए की डिग्री थी। लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों ने कटऑफ से ज्यादा अंक अर्जित किए लेकिन दस्तावेज सत्यापन के दौरानउन्हें कंसीडर नहीं किया गया।
पुरानी सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
जेएसएससी का मानना था कि बीबीए और बीसीए विज्ञापन में निर्धारित अहर्ताओं से मेल नहीं खाता। इसी मामले में पहले हाईकोर्ट ने मुकेश रंजन और राजदेव सिंह मामले में कहा था कि बीबीए भी साइंस स्ट्रीम का अभिन्न हिस्सा है। इसे कंसीडर किया जाना चाहिए। अब पूर्णिमा कुमारी, अभिजीत कुमार सिन्हा और आशुतोष कुमार के मामले में भी हाईकोर्ट ने यही निर्देश दिया है। कोर्ट में अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अभ्यर्थियों की ओर से पक्ष रखा।