रांची:
जमीन घोटाला केस में ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर अब 13 अक्टूबर को सुनवाई होगी। बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट से कहा गया कि ना तो यह आपराधिक मामला है और ना ही मेरे खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है, इस लिहाज से ईडी का समन सही नहीं है। इससे पहले 6 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सीएम हेमंत की याचिका पर सुनवाई हुई थी। तब हाईकोर्ट ने याचिका को त्रुटिपूर्ण बताते हुए इसमें सुधार करने को कहा था। तब मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने समय मांगा था। हाईकोर्ट ने सीएम की मांग मंजूर करते हुए 11 अक्टूबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की थी।
अधिवक्ता पी चिदंबरम और पीयूष चित्रेश ने रखा पक्ष
मुख्यमंत्री की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि जमीन घोटाला मामले में उनके खिलाफ ईडी का समन राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने मुख्यमंत्री का पक्ष रखा। बहस के दौरान मुख्यमंत्री का पक्ष रखते हुए दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं है। ईडी ने प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की है। ईडी ने स्पष्ट नहीं किया है कि वह मुख्यमंत्री को गवाह के रूप में तलब कर रही है या आरोप के रूप में।
मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग की
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 13 अक्टूबर तय की है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उक्त मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए पीड़क कार्रवाई पर रोक का निर्देश जारी करने की भी मांग की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन उच्च न्यायालय से उनको हाईकोर्ट जाने का निर्देश मिला।
जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री को जारी हुआ 5 समन
बता दें कि मुख्यमंत्री को उक्त मामले में ईडी ने पांच बार समन किया। मुख्यमंत्री को पहला समन 8 अगस्त को भेजा गया। 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया। इसके बाद मुख्यमंत्री को 12 अगस्त को समन जारी कर 17 अगस्त को बुलाया गया। मुख्यमंत्री को 5वां समन जारी कर 4 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन मुख्यमंत्री किसी भी समन पर ईडी ऑफिस नहीं गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सीबीआई को और चुनाव आयोग को चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्तियों की जानकारी दी है। बार-बार वही पूछा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक सभाओं में केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।