द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि अब मंईयां सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2500 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उनकी सरकार घोषणाओं पर विश्वास नहीं करती, काम करने और फैसला लेने पर विश्वास करती है। यही कारण है कि मंईयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करने का फैसला लिया गया है। बीजेपी की ओर से सत्ता में वापसी को लेकर किए जा रहे दावे पर हेमंत सोरेन ने कहा कि अब राज्य में विपक्ष का ख्याली पुलाव पकने वाला नहीं है।
सीएम हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि अंडमान निकोबार, असम सहित अन्य राज्यों में 15 से 20 लाख आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। ऐसे आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखी है। सभी जानते हैं कि असम में चाय जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिला है। एसटी का दर्जा देने का अनुरोध असम के मुख्यमंत्री से किया है। इस कारण जनजातीय मंत्रालय भारत सरकार की योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल रहा है। इन आदिवासियों को झारखंड वापस आने का न्योता देते हुए सीएम ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि एक सर्वदलीय समिति विभिन्न राज्यों में जायेगी। समिति के सदस्य वंचित आदिवासी समुदाय के लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्या जानने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वदलीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर आदिवासी समुदाय की समस्याओं और जरूरतों के आधार पर नीति बनायी जायेगी। समिति राज्य के कल्याण मंत्री के नेतृत्व में भेजी जायेगी। समिति आदिवासियों के आवास, आदिवासी का दर्जा, नौकरी की समस्या, राज्य में उनके अधिकार की बात समेत अन्य पहलुओं पर रिपोर्ट देगी।