रांची
बीजेपी के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने एक बयान में कहा, हेमंत सोरेन बताए आखिर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से उन्हें किस बात का डर है। प्रकाश ने चुटकी लेते हुए कहा कि 5 महीने पहले शिबू सोरेन परिवार ने परिवार से बाहर के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाकर नाटक किया था। फिर गांडेय के विधायक सरफराज अहमद को इस्तीफा दिला कर हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी को विधायक बनाया। ताकि उसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके। लेकिन परिवार में फूट और विधानसभा चुनाव में 48 विधायकों के बावजूद उनपर भरोसा नही किया जा सका। कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री नही बनाया गया। लेकिन जेल से बाहर आते ही हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनने को तैयार हो गए। अब सबकुछ आईने की तरह साफ हो चुका है कि यह परिवार सत्ता के बाहर नहीं रह सकता है।
जेएमएम पर ये आरोप लगाये
प्रकाश ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर चंपाई सोरेन को क्यों हटाया जा रहा है। क्या वे सक्षम मुख्यमंत्री साबित नहीं हुए या फिर हेमंत सोरेन उनके कार्य करने की शैली से डर गये थे। सोरेन परिवार का इतिहास रहा है कि वे सत्ता के नजदीक किसी दूसरे को नहीं रहने दे सकते हैं। पहले झामुमो के संस्थापक रहे महतो समाज को पार्टी तथा सत्ता से दूर किया। अब परिवार के बाहर के सदस्य को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन डर ने फिर से हेमंत सोरेन को इतिहास को दोहराने के लिए मजबूर कर दिया।
हेमंत के नाम पर ऐसे बनी सहमित
गौरतलब है कि आज मुख्यमंत्री आवास में सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक में प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला लिया गया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी। इस बात का प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने रखा था। बाद में विधायकों ने इस पर सहमति जताई। गुलाम अहमद मीर का तर्क है कि 2019 का विधानसभा चुनाव गठबंधन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जीता था। लोकसभा चुनाव 2024 में जेल में रहते हुए भी परिणामों में हेमंत सोरेन का असर दिखा। अब, जबकि हेमंत सोरेन जेल से बाहर हैं तो विधानसभा चुनाव के 4 महीने पहले यह उपयुक्त समय है कि हेमंत सोरेन ही सरकार का नेतृत्व करें। सियासी जानकारों का भी कहना है कि बतौर मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में जाना हेमंत सोरेन और पूरे इंडिया गठबंधन के लिए श्रेयस्कर रहेगा।