द फॉलोअप डेस्क
झारखंड HC ने एक मामले की सुनवायी के दौरान आदेश दिया है कि कोई भी महिला अपने पति की कथित गर्लफ्रेंड या फिर महिला मित्र पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा नहीं दर्ज करवा सकती है। अगर वह ऐसा करती है, तो वह मान्य नहीं होगा। चूंकि, धारा 498 में इस बात को स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि महिला द्वारा दहेज उत्पीड़न का केस केवल पति और पति के रिश्तेदारों पर किया जा सकता है।बता दें कि यह बात HC ने झारखंड पुलिस के सब इंस्पेक्टर विकास यादव के खिलाफ उनकी पत्नी द्वारा दर्ज केस की सुनवायी के दौरान कही। इस केस में महिला ने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया था,जिसमें पत्नी ने विकास यादव की कथित गर्लफ्रेंड को भी नामजद अभियुक्त बनाया था। इस प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए विकास की कथित गर्लफ्रेंड ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में युवती की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें युवती का पक्ष रख रहे अधिवक्ता सूरज किशोर प्रसाद ने कहा कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में पति के साथ सिर्फ उन्हीं लोगों को आरोपी बनाया जा सकता है, जो उनके नजदीकी रिश्तेदार हैं या जिन लोगों से उनका खून का रिश्ता है। इस सुनवायी के बाद अदालत ने युवती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया।