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हजारीबाग : इचाक के जंगलों में ग्रामीण लगा रहे हैं आग, क्या है कारण 

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द फॉलोअप डेस्क
इचाक प्रखंड के पश्चिमी वन प्रमंडल के डाढा गांव पंचायत के डाढा जंगल में कई दिनों से भीषण आग लगी हुई है। पड़ताल में यह सामने आया कि स्थानीय लोग ही जानबुझ कर कुछ पैसों की लालच में जंगल को आग में झोंक रहें है। दरअसल अभी के सीजन में साल के पेड़ में सरई नाम का फल लगता है, जिसे तोड़ने के लिए आग लगा रहे हैं। इसके लिए पहले सूखे पत्तों को जलाया जाता है। बाद में फल तोड़ा जाता है।

आग से हजारों की संख्या में पेड़ पौधों को नुकसान
जानकारों का मानना है कि हजारीबाग में पेड़ पौधों के अस्तित्व पर खतरा में नजर आ रहा है। हजारीबाग के पश्चिमी वन क्षेत्र के कई एकड़ जंगल में आग लगा दी गई है। ग्रामीण बताते हैं कि सरई चुनने के लिए लोग जंगलों में आग लगा देते हैं। आग से हजारों की संख्या में पेड़ पौधों को नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। लेकिन आग काफी विकराल रूप ले चुका है। भीषन गर्मी में जंगल में पानी के पर्याप्त साधन नहीं होने की वजह से आग पर काबू नहीं पाया जा सका। वहीं जंगलों में हो रही लगातार आग लगाने की घटना को लेकर वन विभाग को भी सूचना दी गई। लेकिन उनका रवैया उदासीन दिख रहा है।

छोटे-छोटे पौधे झुलस रहे
वन बचाव समिति के सदस्य सरयू मेहता बताते हैं कि लोगों को जंगल में आग नहीं लगानी चाहिए। आग लगाने से वृक्ष को नुकसान होता है। कई छोटे-छोटे पौधे झुलस जाते हैं, जिससे वे खत्म हो जाते हैं। यही नहीं जंगल में जीव जंतु भी रहते हैं। आग से उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाता है। लेकिन त्रासदी ये है कि इस दिशा में वन विभाग भी सक्रिय नहीं है।

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