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बड़ी खबर : राज्यपाल कल निर्वाचन आयोग को भेजेंगे अपना फैसला! EC जारी करेगा नोटिफिकेशन

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रांची: 

झारखंड में बीते 2 दिनों से जारी सियासी हंगामे का पटापेक्ष होता दिख रहा है। हिंदी समाचार वेबसाइट प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में चुनाव आयोग के बाद अब राज्यपाल रमेश बैस ने भी अपना फैसला सुना दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस वक्त साहिबगंज जिला अंतर्गत बरहेट विधानसभा सीट से विधायक हैं। रिपोर्ट में ये भी जिक्र किया गया है कि राज्यपाल कल यानी शनिवार को अपना फैसला चुनाव आयोग के भेज देंगे। चुनाव आयोग फिर इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करेगा। 

झारखंड में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है
गौरतलब है कि बीते 2 दिनों से इस मामले में प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज है। गुरुवार से ही चर्चा थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज को लेकर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने सिलबंद लिफाफे में फैसला राजभवन को भेज दिया था। उस समय राज्यपाल दिल्ली में थे। शाम को जब राज्यपाल दिल्ली से रांची लौटे तो उनसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में इस आशय का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मुझे ऐसे किसी लिफाफे की जानकारी नहीं है। राजभवन पहुंचकर देखता हूं। इस बीच सियासी गहमा-गहमी जारी रही। शुक्रवार को यूपीए विधायक दल की बैठक भी हुई। 

राज्यपाल ने सलाह लेने के बाद सुनाया फैसला!
रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद अपना फैसला सुनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द करने की सिफारिश शनिवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज देंगे। अब निर्वाचन आयोग इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करेगा। इधर, यूपीए ने कहा कि महागठबंधन मजबूत है। सरकार स्थिर थी और रहेगी। शुक्रवार को बैठक के बाद सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा कि महागठबंधन एकजुट है। 

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सुनाया फैसला
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल खनन पट्टा लीज लेने का आरोप है। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने पद का दुरुपयोग करते हुए खनन पट्टा का लीज हासिल किया। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बकायता प्रेस वार्ता की थी। राज्यपाल से मिलकर बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने कार्रवाई की मांग की थी।