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Cm meet : अब झारखंड में उठी पुरानी पेंशन बहाली की मांग, सीएम हेमंत सोरेन की सकारात्मक पहल से खुश हैं कर्मचारी

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रांची:

राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा के बाद से देश के दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग उठने लगी है। यूपी चुनाव के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनकी सरकार बनने पर पुरानी पेंशन बहाल करने का आश्वासन दिया है। इधर, अब झारखंड में सरकारी कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिलकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है।

उचित एवं नियमसंगत मांगों पर सकारात्मक विचार करेगी राज्य सरकार

मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर है। आने वाले समय में नियमसंगत तरीके से आपकी उचित मांगो का निराकरण सरकार अवश्य करेगी। कर्मचारी बेवजह हड़ताल या धरने पर न बैठें। यह आपकी सरकार है, अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष आप रखें। आपकी समस्याओं पर यथोचित सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार राज्य को बेहतर दिशा की ओर ले जाने का कार्य कर रही है। पिछले 20 वर्षों में कार्यपालिका की उदासीनता के चलते नियमावलियों में  कई त्रुटियां व्याप्त थी, इन त्रुटियों को मैं दुरुस्त करने पर लगा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी सेवाकाल के दौरान सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान देते हैं। मैं सभी पहलुओं पर विचार करते हुए जल्द आप की उचित और नियमसंगत मांगों पर सकारात्मक निर्णय लूंगा।

 

सरकारी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जताया आभार

कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में सरकारी कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि वर्तमान सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सदस्यों ने कहा कि राज्य में यह पहली सरकार है, जिसने हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल करने की बात कही है। अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी वर्तमान सरकार ने झारखंड प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की है। सदस्यों ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि पूर्व में आपके द्वारा राज्य में पुरानी पेंशन बहाल करने निमित्त बयान पर अमल करते हुए राजस्थान आदि राज्यों ने पुरानी पेंशन स्किम को अमलीजामा पहनाने का कार्य किया है। आपके नेतृत्व में राज्य में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के कई समस्याओं एवं मांगों पर सकारात्मक विचार किया गया है, आपकी सरकार की कार्य कुशलता का ही परिणाम है कि राज्य में पारा शिक्षकों की मांगों पर ऐतिहासिक निर्णय लिया जा सका है।