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हार्डवेयर की दुकान शुरू करने से लेकर पत्थर और कोयला के व्यवसाय तक, ऐसा है आलमगीर आलम का आर्थिक साम्राज्य

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार किया। आज कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 6 दिनों के रिमांड पर ईडी को सौंपा गया है। गौरतलब है कि साहेबगंज के बरहरवा प्रखंड में जन्में आलमगीर आलम को उनके पिता की ओर से हिस्से के तौर पर 55 बीधा जमीन हिस्से में मिली थी। इनमें से 5 पांच बीघा जमीन बेच कर बरहरवा पहाड़ी बाबा चौक मस्जिद के समीप एक घर में एलाइड ट्रेडर्स नाम से हार्डवेयर की दुकान खोली।उक्त दुकान में पंपिंग सेट मशीन, जेनरेटर के अलावा स्पेयर्स पार्ट्स का व्यवसाय शुरू किया। हार्डवेयर की दुकान से शुरू आलमगीर आलम का आर्थिक साम्राज्य पत्थर और कोयला व्यवसाय तक जा पहुंचा। 


पश्चिम बंगाल में है आलमगीर के राइल मिल
साल 2014 में आलमगीर आलम ने अपनी एक बेटी की शादी की। बेटी की शादी के आलमगीर आलम ने अपने समधी के साथ खलीलुर्रहमान का धुलियान में एक नर्सिंग होम में पैसा लगाया। वहीं खबर तो यह भी है कि आलमगीर आलम ने बरहरवा के मुगल पाड़ा के पास के एक पेट्रोल पंप में भी पैसा लगाया था। पश्चिम बंगाल के वर्दमान में राइस मिल भी है। इनकी पूंजी पत्थर कारोबार में भी लगी हुई है। पत्थर व्यापारी आलम ब्रदर्स के महताब आलम के साथ भी इनका कारोबार संयुक्त रूप से चलता है। इसके अलावा पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा स्थित कोल माइंस से भी रोजाना 10 से 15 ट्रक कोयले की सप्लाई करते हैं। 


हर टेंडर का एक फिक्स अमाउंट आलमगीर को मिलता था- ईडी
गौरतलब है कि आलमगीर आलम को ईडी ने 2 दिनों की पूछताछ के बाद बुधवार देर शाम गिरफ्तार किया। आज कोर्ट में पेशी में लेकर ईडी ने बताया कि मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी मनी लॉन्डिंग के तहत की गई है। ईडी ने रिमांड नोट में कहा है कि आलमगीर आलम टेंडर घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्हें हर टेंडर पर एक फिक्स अमाउंट दिया जाता था। इस घोटाले में आरोपी से पूछताछ के बाद कुछ और सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी है।इसी वजह से ईडी ने दस दिन की रिमांड की मांग की थी।

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