द फॉलोअप डेस्कः
पूर्व विधायक पौलुस सुरीन को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पौलुस सुरीन झारखंड मुक्ति मोर्चा से दो बार विधायक रह चुके हैं। 11 साल पहले दोहरे हत्याकांड से जुड़े मामले में दोषी करार दिये गये पूर्व विधायक पौलुस सुरीन और पीएलएफआई उग्रवादी जेठा कच्छप को बुधवार को न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी। साथ ही पॉलुस सुरीन पर 25 हजार और जेठा कच्छप पर 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले 6 अप्रैल 2024 को कोर्ट ने दोनों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था, उसी दिन पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
2013 का है मामला
27 नवंबर 2013 को भूषण सिंह और राम गोविंद सिंह की उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब दोनों अपने घर में बैठे थे। हत्या का आरोप तत्कालीन तोरपा विधायक पौलुस सुरीन और जेठा कच्छप पर लगा था। हत्या की घटना के बाद भूषण सिंह के भाई ने खूंटी के कर्रा थाने में कांड संख्या 27/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसके बाद कोर्ट में मामला चल रहा था।
कृष्णा महतो व तीन महिला आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी
बता दें कि अदालत ने इस केस में कृष्णा महतो व तीन महिला आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में पहले ही बरी कर दिया था। पीएफएलआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी इस मामले में ट्रायल का सामना कर रहा है। इससे पहले रांची कोर्ट ने 6 अप्रैल को पूर्व विधायक पौलुस सुरीन व नक्सली जेठा कच्छप दोषी करार दिया था। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया था। सुनवाई के वक्त पौलुस सुरीन सशरीर कोर्ट में उपस्थित रहे थे। वहीं, नक्सली जेठा कच्छप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह प्रस्तुत किया गया था।