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पांच हजार अंगीभूत शिक्षक एकबार फिर आंदोलन करने पर विवश, कहा नौकरी गई तो कर लेंगे आत्मदाह 

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडियट के अनुबंध शिक्षक एकबार फिर आंदोलन करने पर मजबूर हो गए हैं। आज यानी सोमवार को सभी अंगीभूत शिक्षकों ने रांची के राजभवन समीप इकठ्ठा होकर अपनी पुरानी मांग समायोजन की गुहार लगा रहे थे। इससे पहले भी राज्य के पांच हजार अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकों ने सात जून को अपनी मांगों को लेकर राजधानी की सड़कों पर उतरे थे। दरअसल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार अब इंटर की पढ़ाई केवल 10+2  विद्यालय में होगी। इस फैसले से राज्य के लगभग 65 अंगीभूत महाविद्यालय के 5 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रहा है। इतना ही नहीं इन महाविद्यालयों में पढ़ रहे 96 हजार छात्र भी इस नीति से प्रभावित हो रहें हैं। छात्रों का इंटर में नामांकन भी बंद हो गया है। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य में 10+2 विद्यालय की संख्या पर्याप्त नहीं है। जिस वजह हजारों विद्यार्थियों की भविष्य पर संकट मडरा रहा है। इसके अलावा राज्य के तमाम 65 अंगीभूत महाविद्यलयों से करोड़ो का राजस्व भी सरकार को मिला। कहा की जब हेमंत सोरेन जमशेदपुर आये थे तो हमलोगो से मिलकर कहे थे की वे किसी को बेरोजगार नहीं होने देंगे। लेकिन अब जब हमलोग सड़क पर उतरने पर मजबूर हैं तो हेमंत सोरेन उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा की राज्य के तमान 81 विधायक और सांसदों से अलग-अलग जिला के अंगीभूत शिक्षकों ने मुलकारत कर उन्हें समस्या बतायी लेकिन उनकी और से केवल आश्वाशन मिला। 

मजदूरों की तरह केवल हमसे लिया गया काम 

उन अंगीभूत शिक्षकों में कई ऐसे भी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आंदोलनरत शिक्षकों ने कहा की जब हमारी जरूरत थी तो हमसे कम मानदेय पर काम लिया गया। महज 4000 की वेतन से हमने काम करना शुरू किया और अब जाकर 12 हजार हुआ है। जो नॉन टीचिंग शिक्षक हैं उनको अब भी आठ हजार ही दिए जा रहे थे। लेकिन हमलोगों ने कम मानदेय होने के बावजूद भी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते रहे। जब परीक्षा का समय आता था तब रात के 12 बजे तक हमलोग काम करते थे। इतना ही नहीं हमलोगों को न ही ईपीएफ या मेडिकल जैसी सुविधा दी गई। केवल हमसे मजदूरों की तरह काम लिया गया. कहा की अगर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है। तो उनमे से कुछ ऐसे भी हैं जो आत्मदाह कर लेंगे। क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति दैनिये है। अंगीभूत शिक्षक अध्यक्ष शालिनी नाग ने कहा सरकार अगर हमे समायोजित नहीं करती है तो हम अगली बार उग्र आंदलोन करेंगे।