द फॉलोअप डेस्कः
रांची के बरियातू स्थित जेनेटिक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर 1.12 करोड़ रुपये जुर्माना लगा है। यह जुर्माना झारखंड आरोग्य सोसाइटी ने लगाया है। अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज होगी। अस्पताल पर आरोप है कि यहां डॉक्टरों की फर्जी मुहर और उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है। अस्पताल पर लगाये गये जुर्माने की रकम में मरीजों से की गयी वसूली के बदले दंड के रूप में 17.53 लाख रुपये और सेवा दिये बिना ही की गयी बिलिंग के 94.48 लाख रुपये शामिल हैं। जुर्माने की रकम में से 5.89 लाख रुपये की वसूल लिये गये हैं। जुर्माने की बाकी रकम 1.06 करोड़ रुपये जमा करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है।
झारखंड आरोग्य सोसाइटी ने अपने आदेश में कहा है कि अस्पताल के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच सिविल सर्जन रांची से करायी गयी। इसमें अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों से पैसा लेने और डॉक्टरों की फर्जी मुहर व उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने की पुष्टि हुई।
डॉक्टर के नौकरी छोड़ने के बावजूद मुहर का इस्तेमाल हुआ
एक और बात यह भी सामने आयी कि डॉ भारद्वाज नारायण चौधरी ने जेनेटिक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में अगस्त 2022 से 31 अक्तूबर 2022 तक नौकरी की थी। इसके बाद उन्होंने यहां नौकरी छोड़ दी थी। लेकिन अस्पताल ने 31 अक्तूबर 2022 के बाद भी डॉ चौधरी की मुहर और उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया। उनके नाम पर इलाज के तहत मरीजों से भुगतान भी लिया गया।
वहीं डॉ जय पलक ने इस अस्पताल में दिसंबर 2022 तक अपनी सेवाएं दीं। लेकिन अस्पताल ने इस अवधि के बाद भी आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने और भुगतान लेने के लिए उनकी मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया है।