रांची:
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉक्टर मनीष रंजन ने सर्ड के सभागार में सभी जिला के उप विकास आयुक्त और प्रोजेक्ट ऑफिसर को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास योजना को लेकर जीरों टॉलरेंस की नीतियों का अनुसरण करें। मनरेगा की योजनाओं की जियो टैगिंग सुनिश्चित करें। वे ग्रामीण विकास विभाग की वार्षिक कार्ययोजना पर 2 दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में बोल रहे थे।
प्राथमिकता वाली योजनाएं मुख्य एजेंडा हो
डॉ.मनीष रंजन ने कहा कि प्राथमिकता वाली योजनाओं को मुख्य एजेंडे में शामिल करें। साथ ही बेस्ट प्रैक्टिस को मीडिया के साथ शेयर करें और गलत करने वालों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिये मास्टर रोल प्रोपर और पारदर्शी तरीके से भरे जायें। साथ ही मनरेगा योजना में बिचौलियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। इस बात का ध्यान रखें कि मनरेगा योजना के कार्यान्वयन की मॉनिटरिंग भारत सरकार द्वारा की जा रही है, इसलिये मॉनिटरिंग सिस्टम को सशक्त बनाने की जरूरत है। इस बात का ध्यान रखें कि आप मनरेगा टीम का हिस्सा हैं और टीम वर्क बेहतर नतीजे दे सकता है।
लंबित योजनाओं को 3 महीने में पूर्ण करें- राजेश्वरी बी
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि ग्रामीण विकास पर फोकस करें और जॉब कार्ड का वैरीफिकेशन सुनिश्चित कर लाभुकों की आधार सीडिंग सुनिष्चित कराया जाये। उन्होंने विभिन्न जिलों में मनरेगा योजनाओं को लेकर शिथिलता बरतने को लेकर पदाधिकारियों से नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि जो लंबित योजनाएं हैं उन्हें 3 महीने के अंदर पूरा किया जाय।
रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन में सुधार की जरूरत है!
राजेश्वरी बी ने कहा कि रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन में सुधार करने की जरूरत है। एनएमएमएस नहीं हो रहा है तो प्रखंड विकास पदाधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। अगर मेट से काम नहीं हो पा रहा है तो कंप्यूटर ऑपरेटरों की सेवा ली जा सकती है। याद रखें कि योजनाओं की अद्यतन स्थिति को ही अपलोड किया जाय, योजना की पूर्णता के साथ जियो टैगिंग करें।
उन्होंने कहा कि जीरो एक्सपेंडिचर की वैसी योजनाओं का डिलिट करें जो 2018-19 की हैं। कार्यशाला में मुख्य रूप से सर्ड निदेशक सूरज कुमार, अपर सचिव ग्रामीण विकास विभाग राम कुमार सिन्हा, सहित सभी जिला के उपविकास आयुक्त और प्रोजेक्ट ऑफिसर उपस्थित थे।