द फॉलोअप डेस्क
झारखंड राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आउटसोर्स कर्मी (APRO, SMPO, कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वागतक और साउण्ड ऑपरेटर) ने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कर्मचारियों ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने 2019 से अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन पिछले 6 सालों में उनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
मानदेय में हुई कटौती
कर्मियों ने बताया कि मानदेय में बढ़ोतरी के बदले प्रतिमाह उनके मानदेय में 600 से 1000 रुपये की कटौती की गई है। वो भी बिना किसी आधिकारिक सूचना के की गई। कर्मचारी कहते हैं कि उनका वर्तमान मानदेय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित दर से भी कम है। ऐसे में महंगाई के बढ़ते दौर में यह स्थिति उनके लिए अत्यंत कठिन हो गई है। इस पत्र में कर्मचारियों ने बताया कि वे राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। कई बार विशेष परिस्थितियों में देर रात तक अपनी ड्यूटी निभाते हैं। बावजूद इसके विभाग की ओर से अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। कर्मियों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री इन मुद्दों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे और शीघ्र निर्णय लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
कर्मचारियों की मुख्यमंत्री से हैं ये मांगें:
1. मानदेय में एकमुस्त 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए। साथ ही प्रत्येक वर्ष मानदेय में नियमानुसार बढ़ोतरी की जाए।
2. निर्धारित मानदेय से GST की कटौती न की जाए।
3. इसके साथ ही समय पर नियमित वेतन भुगतान किया जाए।
4. सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए।
5. चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति दी जाए।