द फॉलोअप डेस्कः
NEET-UG के परिणाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने NTA को आदेश दिया है कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 परीक्षार्थियों को फिर से परीक्षा देनी होगी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने NTA को सख्त निर्देश दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि "नीट मुद्दे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। लगभग 24 लाख छात्र नीट परीक्षा के लिए उपस्थित हुए और लगभग 13 लाख छात्र उत्तीर्ण हुए।
उन्होंने आगे कहा है कि "13 भाषाओं में आयोजित परीक्षा के लिए लगभग 4,500 केंद्र हैं। यह जिस समय परीक्षा आयोजित की गई थी, उस समय 4500 केंद्रों में से 6 केंद्रों पर गलती से गलत प्रश्न पत्र भेज दिए गए थे, लेकिन बाद में सही प्रश्न पत्र प्रदान किया गया था, लेकिन इन केंद्रों पर लगभग 1,563 छात्र परीक्षा दे रहे थे समय की हानि का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के स्थायी आदेश में कहा गया है कि दोबारा परीक्षा के बजाय ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे। इसके बाद एनटीए ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया और ग्रेस मार्क्स नियम लागू किया। कुछ लोग कोर्ट गए।"
जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 1,563 छात्रों को या तो नीट परीक्षा में फिर से शामिल होने या मूल अंक (ग्रेस मार्क्स के बिना) स्वीकार करने का विकल्प दिया जाएगा। भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। एनटीए द्वारा आयोजित नीट, जेईई और सीयूईटी परीक्षाओं में 50 लाख से अधिक छात्र उपस्थित होते हैं। परीक्षा में गड़बड़ी पैदा करने के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी...''