द फॉलोअप डेस्क
जमीन घोटाला मामले में ईडी एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर सकती है। सीएम को ईडी ने एक बार फिर से पत्र लिखा है, जिसे दसवां समन माना जा रहा है। सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार पत्र में लिखा है कि हमलोग आपसे एक बार फिर से पूछताछ करना चाहते हैं। 30 जनवरी को हम आएंगे आप बस हमें जगह और समय बता दीजिए। बता दें कि इससे पहले भी ईडी ने 23 जनवरी को एक पत्र लिखा था जिसमें ईडी ने उन्हें 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था। ईडी ने इस बार भी मुख्यमंत्री को विकल्प दिया था कि वह स्थान, समय और दिन निश्चित करें। अधिकारी खुद आएंगे। जिसके जवाब में सीएम ने 31 जनवरी तक काम की व्यस्तता की वजह से ईडी ऑफिस आने में असमर्थता जताई है।
20 जनवरी को मुख्यमंत्री से हुई थी पूछताछ
इससे पहले मुख्यमंत्री 8वें समन पर पूछताछ के लिए उपलब्ध हुए थे। 20 जनवरी को कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन से पूछताछ हुई थी। बताया जाता है कि ईडी अधिकारियों ने जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री से 300 सवाल पूछे। कहा जा रहा था कि ईडी के अधिकारी जवाब से संतुष्ट नहीं थे और यही वजह है कि मुख्यमंत्री को फिर से समन किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री ने पूछताछ के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि यह विपक्षी पार्टियों को षड्यंत्र है। वे हमें हटाना चाहते हैं लेकिन झारखंडी कभी किसी से डरा नहीं है। उन्होंने कहा था कि विरोधियों का हर साजिश बेनकाब होगा।
मुख्यमंत्री ने इस बार दिया व्यस्तता का हवाला
मुख्यमंत्री को रांची जमीन घोटाला केस में अगस्त 2023 से जनवरी 2024 के बीच 8 समन भेजा गया। 8वां समन 14 जनवरी को भेजा गया था। मुख्यमंत्री को कहा गया था कि वे 16 से 20 जनवरी के बीच समय, स्थान और दिन का चुनाव कर ईडी को सूचित करें। अधिकारी वहीं जाकर उनसे पूछताछ कर लेंगे। उनसे 20 जनवरी को पूछताछ हुई थी। मुख्यमंत्री को सबसे पहले इस केस में 8 अगस्त को समन कर 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि ईडी का समन राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। यदि ईडी ने समन वापस नहीं लिया तो वे कानूनी रास्ता अपनाएंगे। दूसरे समन के बाद मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री फिर हाईकोर्ट गये जहां उनसे कहा गया कि ईडी को किसी केस में किसी व्यक्ति से पूछताछ कर बयान लेने का अधिकार है। हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। इसके बाद 7 समन और भेजे गये। हर बार मुख्यमंत्री किसी न किसी बहाने से ईडी दफ्तर नहीं गये। आखिरकार 20 जनवरी को पूछताछ हुई।
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