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विनोद ने कबूला! नक्शा बनाया, ट्रांसफर–पोस्टिंग के लिए की पैरवी; ED ने बनाया गवाह

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द फॉलोअप डेस्कः
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के करीबी विनोद सिंह का मोबाइल और कंप्यूटर राज उगल रहा है। विनोद सिंह के वाट्सएप चैट में इतने सबूत हैं कि वह जमीन घोटाला से होकर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से होते हुए भवन निर्माण विभाग और नगर-निगम सहित अन्य विभागों के टेंडर मैनेज करने तक बात पहुंच गई है।  विनोद ने पूछताछ में बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने, उसका नक्शा बनाने और अफसरों की पोस्टिंग के लिए पैरवी करने की बात भी स्वीकार कर ली है। 


रोस्पा टावर स्थित ग्रिड्स कंसल्टेंट मामले में भी जांच शुरू
सूत्रों के मुताबिक विनोद सिंह अब ईडी के सरकारी गवाह बनेंगे। ईडी ने विनोद के रोस्पा टावर स्थित ग्रिड्स कंसल्टेंट द्वारा विभिन्न विभागों में किए गए काम की भी जांच शुरू कर दी है। विनोद के करीबियों से पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार को पर विनोद के कार्यालय के एक कर्मचारी से पूछताछ की। उससे ग्रिड्स कंसल्टेंट सत्रों कार्यालय में छापेमारी के दौरान मिले के कागजात व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से मिले साक्ष्य के संबंध में सवाल पूछे गए।


गुरुवार को हुई थी पूछताछ 
बता दें कि विनोद सिंह को गुरुवार सुबह 11 बजे ईडी दफ्तर में बुलाया गया था। गौरतलब है कि ईडी को विनोद सिंह के दो अलग-अलग मोबाइल फोन से 539 और 210 पेज की चैट मिली थी। ऐसे में गुरुवार को एक बार फिर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के करीबी विनोद सिंह से पूछताछ हुई। 12 फरवरी की छापेमारी के बाद ईडी ने विनोद सिंह को दोबारा समन भेजा था। विनोद सिंह से ईडी लगातार पूछताछ कर रही है। विनोद पहली बार 3 जनवरी को ईडी के रडार पर आए थे। अवैध खनन और गवाहों को प्रभावित करने के मामले में छापेमारी के बाद विनोद के यहां से निवेश से जुड़े दस्तावेज और चैट मिले थे। इसके बाद ही ईडी ने जमीन घोटाले की जांच में भी रफ्तार पकड़ी है।