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ED का शिकंजा : सड़क मार्ग से कोलकाता से रांची लाए गये अधिवक्ता राजीव कुमार

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रांची: 

झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) अधिवक्ता राजीव कुमार (Rajeev Kumar) को ईडी (ED) की टीम सड़क मार्ग के जरिए रांची (Ranchi) लेकर आई। ईडी की टीम राजीव कुमार को कोलकाता से रांची लाई है। दरअसल, पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) ने अधिवक्ता राजीव कुमार को 8 दिनों की न्यायिक हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया था। इसी सिलसिले में कोलकाता में गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार को अलिपुर जेल से रांची लाने के लिए ईडी की टीम शनिवार को कोलकाता पहुंची थी। कहा जाता है कि इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। 

वॉइस सैंपल लेने के लिए रोका गया
बताता जाता है कोलकाता पुलिस ने अधिवक्ता से फोन की आवाज का नमूना लेने की बात पर पूरे दिन ईडी को राजीव कुमार को हिरासत में लेने की इजाजत नहीं दी। कोलकाता पुलिस का कहना था कि अभियुक्त की आवाज का नमूना लेना जरूरी है, इसलिए अभियुक्त का कोलकाता में रहना जरूरी है। कोलकाता पुलिस के इस तर्क का ईडी ने विरोध भी किया।  कहा कि पीएमएलए के प्रावधानों के मुताबिक अभियुक्त को रिमांड में लेने की बाध्यता है। कहा जाता है कि काफी देर बात राजीव कुमार को रांची भेजने की इजाजत दी गई। वे ईडी की रिमांड पर रहेंगे। 

इसलिए हुई थी राजीव कुमार की गिरफ्तारी
गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये कैश के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि राजीव कुमार ने एक जनहित याचिका को मैनेज करने के एवज में ये पैसे लिए थे। उन्होंने कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को मैनेज करवाने के बदले में 10 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन बाद में 1 करोड़ रुपये पर सहमति बनी थी। इसी 1 करोड़ रुपये की पहली किस्त के रूप में 50 लाख रुपये लेने वे कोलकाता गये थे। कहा जाता है कि पूर्व सूचना के आधार पर पुलिस ने उनको पकड़ लिया। 

बंगाल पुलिस की टीम ने मारा था छापा
इस मामले में बंगाल पुलिस की एक टीम ने रांची स्थित अधिवक्ता राजीव कुमार के आवास तथा आवासीय कार्यालय में छापेमारी भी की थी। कहा जाता है कि इस दौरान संपत्ति के निवेश सहित अन्य कई संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए गये थे। मामले में बंगाल पुलिस ने ईडी रांची जोन के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सुबोध कुमार को भी समन जारी किया था।