रांची:
शुक्रवार (8 अप्रैल) को धनबाद में मगही मैथिली अंगिका संस्कृति बचाओ मंच के तत्वाधान में बोकारो धनबाद से भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की मान्यता निरस्त करने के विरोध में प्रतिकार सभा किया गया। सभा की अध्यक्षता मदन राम ने की। बैठक में बौतर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव उपस्थित थे।
मांग पूरी होने तक जारी रहेगा चरणबद्ध आंदोलन
प्रतिकार सभा में उपस्थित लोगों ने एक स्वर से कहा कि अब बोकारो धनबाद ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा की मान्यता दी जाये, क्योंकि सरकार ने बोकारो औऱ धनबाद से भोजपुरी मगही भाषा को हटा कर बहुसंख्यक भाषियों के साथ काफी अपमानित किया है। मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि भाषा विवाद की बुनिया बोकारो धनबाद से हुई है। जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती तब तक चरणबद्ध जनांदोलन जारी रहेगा।
प्रतिकार सभा में प्रमुख बिंदुओं पर निर्णय लिया गया
1. झारखंड में खतियान आधारित स्थानीय नीति किसी भी हाल में मंजूर नहीं किया जाएगा
2. स्थानीय नीति का आधार राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर 2000 वर्ष हो और मापदंड सर्वे के बजाय आधार कार्ड,वोटर कार्ड,स्कूल सर्टिफिकेट या राशन कार्ड माना जाय
3. कुर्मी महतो को सीएनटी एक्ट से बाहर किया जाय
4. 7' मई को धनबाद में विशाल जनसभा का आयोजन होगा
5. प्रमण्डल वार प्रतिकार सभा का अगला बैठक पलामू में होगा
बैठक में इन लोगों ने लिया हिस्सा
बैठक में उपेंद्र नारायण सिंह मदन राम,अभिषेक सिंह बंटी,जितेंद्र पासवान,सुबोध ठाकुर,सुमित्रा राय,रबिंद्र प्रसाद यादव, डीसी खान, विजय सिंह, शैलेंद्र सिंह पार्षद, डीएन पाठक, मिथलेश चंद्रवंशी, लाल बाबू साहू, राकेश सिंह सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।