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IAS पूजा सिंघल के अमेरिका जाने की इजाजत पर फैसला सुरक्षित, पति अभिषेक झा के साथ जाना चाहती हैं विदेश

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द फॉलोअप डेस्क
आईएएसस पूजा सिंघल पति अभिषेक झा के साथ विदेश जाना चाहती हैं। वह पति के साथ अमेरिका जाना चाहती हैं। पूजा सिंघल ने रांची के पीएमएलए कोर्ट में याचिका डालकर उनका पासपोर्ट लौटाने की मांग की है। आज उस याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पूजा सिंघल ने याचिका में कहा है कि बेटी का दाखिला अमेरिका में कराना है जिसके लिए पासपोर्ट चाहिए। अब फैसले का इंतजार करना होगा कि कोर्ट पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा का पासपोर्ट रीलीज करता है या नहीं। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरी पूजा सिंघल अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाला केस में ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। 6 मई 2022 को पूजा सिंघल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी हुई  थी तब उनके सीए सुमन कुमार के आवास से 19 करोड़ रुपये से अधिक कैश मिले थे। 


पूजा सिंघल को गिरफ्तारी के 28 महीने बाद 7 दिसंबर 2024 को जमानत मिली थी। पूजा सिंघल को जब ईडी ने गिरफ्तार किया था उस समय वह झारखंड की खान एवं उद्योग सचिव हुआ करती थी। पूजा सिंघल पर खूंटी जिला का डीसी रहते हुए 18 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला करने का आरोप था। पूजा सिंघल का नाम 1000 करोड़ रुपये के खनन घोटाला केस में भी आया था। पूजा सिंघल 2000 बैच की झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने झारखंड में बतौर आईएएस अधिकारी खनन, उद्योग, कृषि और स्वास्थ्य विभाग में अहम ओहदा संभाला। जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने उनका निलंबन वापस लिया और दोबारा सेवा में बहाल कर दिया है। पूजा सिंघल अभी कार्मिक विभाग में सेवा दे रही हैं। 


 पूजा सिंघल झारखंड की उन चंद आईएएस अधिकारियों में शामिल हैं जिन्होंने पहले अपने कार्यकलापों से सुर्खियां बटोरी। विभागों में शानदार काम किया और फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा। हालांकि, पूजा को एक मल्टी टैलेंटेड नौकरशाह के रूप में जाना जाता था। उनकी झोली में कई रिकॉर्ड हैं। उन्होंने महज 21 साल की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली थी। इधर जब सरकार ने पूजा सिंघल को निलंबन मुक्त किया तो ईडी कोर्ट चली गई थी। ईडी ने विशेष न्यायलय में याचिका दायर कर कहा था कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को हाल ही में बेल मिली है। अगर उन्हें अभी कोई भी मुख्य पद या विभाग दिया जाता है तो वह जांच को प्रभावित कर सकती है।


ईडी ने आगे कहा कि पूजा सिंघल का केस पर अभी भी ट्रायल है इसलिए अभी कोई भी महत्वपूर्ण पद देना ठीक नहीं है। हालांकि कोर्ट ने पूजा सिंघल को बड़ी राहत देते हुए ईडी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें कोई भी सरकारी नियुक्ति प्राप्त करने से रोकने की मांग की गई थी। अदालत ने ईडी की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, "पूजा सिंघल को कोई पोस्टिंग देना या न देना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।"