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Ranchi : दामोदर और स्वर्णरेखा प्रदूषण यात्रा का होगा आयोजन, नदी संरक्षण के लिए होगा वृहद कार्यक्रम

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रांची: 


पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता और नदियों, जलाशयों के संरक्षण के प्रति आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से युगान्तर भारती, नेचर फाउंडेशन, दामोदर बचाओ आंदोलन, स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और दामोदर क्षेत्र विकास ट्रस्ट संयुक्त रूप से राज्य के दो प्रमुख नदियों स्वर्णरेखा तथा दामोदर की प्रदूषण यात्रा का आयोजन कर रहा है। 

यात्रा में कौन-कौन होगा शामिल
इस यात्रा में प्रबुद्ध नागरिकगण, पर्यावरणविद्, दामोदर बचाओ आंदोलन, स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के केंद्रीय और स्थानीय समितियों के प्रहरी कार्यकर्ता, पर्यावरण मित्र, अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवीगण, पारिस्थतिकी विज्ञानशास्त्री, वनस्पतिशास्त्री, नेचर फाउंडेशन और दामोदर क्षेत्र विकास ट्रस्ट के पदाधिकारी के साथ चयनित छात्र और प्रतिभागी भाग लेंगे। 

आठ दिनों का होगा पूरा कार्यक्रम
यह वृहद कार्यक्रम कुल आठ दिनों का होगा, जिसमें स्वर्णरेखा प्रदूषण यात्रा तीन दिनों (22 मई से 24 मई) तक चलेगी। 22 मई को नगड़ी, धुर्वा, राँची; 23 मई को नामकुम, टाटीसिल्वे, मूरी, चांडिल तथा 24 मई को बहरागोड़ा, मुसाबनी, जमशेदपुर की यात्रा कर स्वर्णरेखा नदी के प्रदूषण की स्थिति का आकलन किया जायेगा।

पांच दिनों तक होगी प्रदूषण यात्रा
उसी तरह से दामोदर प्रदूषण यात्रा कार्यक्रम पांच दिनों (05 जून से 09 जून) तक चलेगी। 05 जून को पंचेत, मैथन, सुदामाडीह, झरिया, धनबाद; 06 जून को बोकारो, चन्द्रपुरा; 07 जून को बीटीपीएस, कथारा, तेनुघाट, रामगढ़; 08 जून को पतरातू, भुरकुंडा तथा 09 जून को चंदवा, चुल्हापानी की यात्रा कर दामोदर नद के प्रदूषण की स्थिति का आकलन किया जाएगा।

विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम
दामोदर प्रदूषण यात्रा का आरंभ विश्व पर्यावरण दिवस के दिन 5 जून, 2022 को धनबाद में किया जाएगा और इसका समापन 9 जून, 2022 को गंगा दशहरा के दिन दामोदर नद के उद्गम स्थल, चुल्हापानी, लोहरदगा में होगा। 09 जून को वृहद स्तर पर देवनद-दामोदर महोत्सव मनाया जाएगा तथा राज्य के लगभग 30 स्थलों पर एक साथ भव्य रूप से दामोदर नद़ पूजन, आरती एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।

प्रदूषण मुक्त हो गई है दामोदर नदी
युगान्तर भारती, नेचर फाउंडेशन और दामोदर बचाओ आंदोलन के संयुक्त सार्थक प्रयास से दामोदर नद काफी हद तक औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त हो गई थी। लॉक डाउन काल में जब सारे औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद हो गये तो दामोदर नद पहले की अपेक्षा और अधिक साफ एवं स्वस्थ हो गया। परन्तु लॉक डाउन समाप्त होने के बाद जब आम जन-जीवन सामान्य हो गया, कल-कारखाने नियमित रूप से खुल गये और उन कारखानों/औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अपशिष्ट पुनः दामोदर में जाने लगा तो दामोदर अब कहीं-कहीं प्रदूषित हो गया है, उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकुल असर पड़ने लगा है, नद मलिन हो गया है।

वृहद यात्रा कार्यक्रम का आय़ोजन
इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह बृहद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों की अगुआई दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता-सह-सदस्य, झारखण्ड विधान सभा, श्री सरयू राय करेंगे। इस शिविर में झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों/एनएसएस/महाविद्यालयों से छात्रों का चयन कर वृक्षों, झाड़ियों, जड़ी-बूटियों, स्तनधारियों, कीड़ों, पक्षियों, मछलियों और उभयचरों, सरीसृपों का पारिस्थतिकीय अध्ययन और पानी की गुणवत्ता और नदियों के क्षेत्र की मिट्टी की स्थिति के दस्तावेजीकरण के लिए उन्हें असाइनमेंट दिया जाएगा।
 

साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए नुक्कड़, नाटक, वृक्षारोपण, नदी तटों की साफ-सफाई तथा अन्य कार्यकलापों का आयोजन छात्रों और स्वयंसेवकों द्वारा किया जायेगा। नेचर फाउंडेशन और युगांतर भारती की ओर से उन्हें कैंप गियर, उपकरण, नोट पैड और किताबें आदि उपलब्ध कराया जायेगा।

प्रेस वार्ता में कौन-कौन हुआ शामिल
प्रेस वार्ता में श्री सरयू राय के अलावा डॉ. एम.के. जमुआर, संयोजक, स्वर्णरेखा एवं दामोदर प्रदूषण सह अध्ययन यात्रा, श्री आशीष शीतल, सह-संयोजक, स्वर्णरेखा एवं दामोदर प्रदूषण सह अध्ययन यात्रा, श्री प्रवीण सिंह, संयोजक दामोदर बचाओ आंदोलन, श्री अंशुल शरण, कार्यकारी अध्यक्ष, युगान्तर भारती, श्री सुरेन्द्र सिन्हा, श्री सुधीर कुमार ‘समीर’, श्री बालकृष्ण सिंह, श्री तापेश्वर केशरी, तथा पूरे प्रदेश के युगान्तर भारती, नेचर फाउंडेशन, दामोदर बचाओ आंदोलन और स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के स्वयंसेवक आदि उपस्थित थे।