द फॉलोअप डेस्क
किसी भी राज्य और देश का अपराध विज्ञान वहां के समाज को अच्छी तरह से समझने, अपराध को नियंत्रित करने और कम करने में सहायक होता है। क्राइम का अध्ययन करने से इसके पीछे की वजहों की पहचान होती है। और उनका विश्लेषण करने में मदद मिलती है। इसका इस्तेमाल क्राइम कम करने की नीतियों और कानूनों को डिजाइन करने के लिए किया जाता है। इस नजरिये से हम सूबे में एक नजर क्राइम के आंकड़ों पर डालते हैं। इससे हमें क्राइम की विभिन्न परिस्थितियों का पता लग सकेगा। बता दें कि इस साल राज्य में क्राइम के बढ़े हए मामले चिंताजनक हैं। गौरतलब है कि जनवरी से जून महीने के बीच रांची, धनबाद, बोकारो व गिरिडीह में आपराधिक मामले पहले कम हुए, लेकिन फिर ये बढ़ गये। इस दिशा में क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो झारखंड के जनवरी से जून तक के आकड़ों पर गौर करें, तो चोरी के सबसे अधिक मामले रांची में 1278, धनबाद में 536, बोकारो में 397 व गिरिडीह में 151 सामने आये हैं। वहीं जनवरी से जून के बीच बलात्कार के मामले सबसे अधिक मामले रांची में 90, गिरिडीह में 75, धनबाद में 38, बोकारो में 32 मामले पेश आये।
फरवरी और मार्च में कम दर्ज हुए मामले
वहीं एक संतोष करने वाली बात ये है कि क्राइम के कुल मामले जनवरी के मुकाबले फरवरी और मार्च में कम दर्ज किये गये हैं। जनवरी में कुल मामले 595, फरवरी में 480 व मार्च में 466 दर्ज किये गये. लेकिन क्राइम के कुल मामले फिर से बढ़कर अप्रैल, मई और जून में क्रमश: 550, 587 और 537 हो गये, जो किसी को भी परेशान कर सकते हैं। इन आंकड़ों से ये साफ होता है कि जनवरी में सर्वाधिक और मार्च में सबसे कम मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें भी रांची सबसे अग्रणी, दूसरे स्थान पर धनबाद, तीसरे स्थान पर बोकारो और चौथे स्थान पर गिरिडीह जिला है। आपको बता दें कि हालांकि ये सिर्फ वे मामले हैं, जो अलग-अलग थानों में दर्ज किये गये हैं। कई ऐसे मामले भी होंगे, जो पुलिस तक पहुंचे ही नहीं।
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