द फॉलोअप डेस्कः
राज्यों को मिले संवैधानिक अधिकारों का केंद्र सरकार द्वारा हनन किए जाने और गैर बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपालों की सरकार विरोधी भूमिका के विरोध में आज दिल्ली में केरल के मुख्यमंत्री और उनका पूरा कैबिनेट धरना दे रहा है। उनके समर्थन में आज CPI(M) की झारखंड इकाई ने शहीद चौक से आक्रोश मार्च निकाला और राजभवन पर प्रदर्शन किया। प्रकाश विप्लव और प्रफुल्ल लिंडा के नेतृत्व में निकले आक्रोश मार्च में केंद्र सरकार विरोधी नारे और तख्ती बैनर लेकर निकले CPI(M) कार्यकर्ताओं ने राजभवन भवन के समक्ष प्रदर्शन किया।
राज्यपाल का तानाशाह रवैया है
CPI(M) के आक्रोश मार्च में शामिल प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि केरल की आम जनता के वोट से बनी लोकतांत्रिक सरकार ने जनहित के चार कानून विधानसभा से पास कर राजभवन भेजा था लेकिन वहां के राज्यपाल ने लेटलतीफी के साथ सिर्फ एक बिल को पास किया और बाकी के तीन कानूनों को केंद्र के पास भेज दिया। जहां जहां विपक्षी दलों की सरकारें हैं वहां के राज्यपाल तानाशाह के जैसा व्यवहार कर रहे हैं, जिसके खिलाफ आज सीपीआईएम देशव्यापी आक्रोश मार्च निकाल कर प्रदर्शन कर रहा है। इसके जरिए केंद्र की सरकार और राज्यपालों की भेदभावपूर्ण भूमिका का विरोध किया जा रहा है।
केरल के समर्थन में सड़कों में उतरे
वहीं प्रकाश विप्लव ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त राज्यों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है। एक ओर जहां जीएसटी लगाकर राज्यों के रेवेन्यू को सीमित कर दिया गया है, तो दूसरी ओर केंद्र द्वारा विपक्षी दलों की सरकार वाले राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी की जा रही है। मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग और विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों की संविधान विरोधी भूमिका सार्वजनिक जो चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्यपालों के भेदभाव वाले रवैया के खिलाफ केरल के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में केरल सरकार की पूरी कैबिनेट और वहां के विधायकों द्वारा दिल्ली में संसद के समक्ष धरना दिया जा रहा है, उसका समर्थन करते हुए और केरल सरकार की एकजुटता प्रदर्शित करते हुए झारखंड में आक्रोश मार्च और राजभवन पर प्रदर्शन किया जा रहा है।