द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के बिष्टूपुर में साल 2016 में दर्ज एक मामले में शुक्रवार को अदालत ने 3 आरोपियों को बरी कर दिया। जमशेदपुर के एडीजे-1 विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने अब्दुल रहमान कटकी, मो सामी और मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी को सबूतों के अभाव में आरोपों से मुक्त कर दिया।
बता दें कि 25 जनवरी 2016 को बिष्टूपुर थाने में केस दर्ज कर इन तीनों को अलकायदा के इंडियन सबकॉन्टिनेंट मॉड्यूल (AQIS) के गठन और विस्तार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों में अब्दुल सामी उर्फ उजरत, मोहम्मद अब्दुल रहमान उर्फ कटकी, अब्दुल मसूद अकरम शेख उर्फ मसूद, राजू उर्फ नसीम अख्तर और बाद में मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी को भी शामिल किया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान 17 गवाहों में 15 पुलिसकर्मी थे, लेकिन वे यह साबित नहीं कर सके कि किसी ने अब्दुल रहमान कटकी, सामी या कलीमुद्दीन को पहले कभी देखा था। इस आधार पर अदालत ने आरोपों को खारिज कर दिया और तीनों को बरी कर दिया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने धतकीडीह रज्जाक कॉलोनी में अहमद अकरम के घर पर छापेमारी की थी। पुलिस ने वहां से 9 पिस्तौल, 5 जिंदा कारतूस, अखबार की कटिंग और कुछ पुस्तकें जब्त करने का दावा किया था। अब्दुल रहमान कटकी और मो. सामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए, जबकि मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी सशरीर अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, इसलिए उन्हें बरी किया जाता है।