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Crime : लिपिक दीप कुमार श्रीवास्तव की ह'त्या, दुमका ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल फिर चर्चा में 

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दुमकाः

दुमका का ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग फिर चर्चा में है। सोमवार की रात विशेष प्रमंडल के पत्राचार लिपिक दीप कुमार श्रीवास्तव की हत्या हो गई है। मंगलवार की सुबह दीप का शव डंगालपाडा शिव मंदिर रोड के पास मिला है। नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता उदय सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे है। दीप मूल रूप से रांची के रहने वाला था। उदय सिंह ने बताया कि कल शाम 6 बजे तक दीप कार्यालय में ही था क्योंकि एक जेई की सेवानिवृत्ति पर विदाई समारोह का आयोजन कार्यालय में किया गया था। उसके बाद वह घर के लिए निकला था। नगर थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने कहा कि पुलिस हर ऐंगल से जांच कर रही है।

क्यों आया था चर्चा में 
क्लर्क दीप श्रीवास्तव की हत्या पर एक नया सवाल उठने लगा है। दरअसल, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग में 3 माह पहले 1.42 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था। इस मामले में विभाग के रोकड़पाल सहित 2 कर्मचारी कर्मचारी जेल भेजे जा चुके हैं। अब इसी कार्यालय के एक क्लर्क दीप कुमार श्रीवास्तव की हत्या हो जाने से यह सवाल उठ रहा है कि कहीं 1.42 करोड़ के हेराफेरी एवं गबन प्रकरण में तो दीप की हत्या नहीं हो गई। बता दें कि कुछ महीने पहले ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल दुमका में एक करोड़ 42 लाख रुपैया सरकारी राशि के गबन का मामला चर्चा में था। पुल निर्माण करने वाली कंपनी एबीसी कंस्ट्रक्शन के खाते में जाने वाला एक करोड़ 42 लाख रुपया हरियाणा के जीके इंटरप्राइजेज के खाते में पहुंच गया। इसको लेकर विभाग द्वारा नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी।

फर्जीवाड़ा मामले में 2 लोगों की गिरफ्तारी
मामले में अभी तक विभाग के रोकड़ पाल और कंप्यूटर ऑपरेटर, राजेश कुमार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है। दरअसल रुपया राजेश कुमार के खाता में ही गया था जहां से तमाम राशि की निकासी कर अन्य खातों में भेज दी गई। राजेश कुमार ने पुलिस को बताया था कि उसने सिर्फ 10% कमीशन पर रुपया अपने खाते में मंगवाया था। इस मामले में जो दो तीन अन्य लोगों के नाम सामने आया है जिसे मास्टरमाइंड मानकर पुलिस अनुसंधान कर रही है। उसकी तलाश अभी भी जारी है। दीप उसी विभाग में कार्य करता था। 

दीप की गबन मामले में नहीं थी संलिप्तता
कार्यपालक अभियंता ने गबन मामले को लेकर हत्या की आशंका से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह पत्राचार लिपिक के पद पर कार्यरत था और उस मामले में अभी तक इसकी किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं थी। कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि जब हत्या को लेकर सवाल उठने लगे हैं तो पुलिस को भी अपने अनुसंधान का दायरा बढ़ाना चाहिए ताकि गबन मामले में हत्या की जो आशंका है वह साफ हो सके।