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मंत्री हफीजुल हसन की पीएचडी डिग्री पर विवाद, NIA ने मामला CBI को सौंपा, विपक्ष ने लगाए पाकिस्तान कनेक्शन के आरोप

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड सरकार में मंत्री हफीजुल हसन की पीएचडी डिग्री को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस डिग्री की वैधता पर सवाल उठने के बाद अब मामला CBI के पास भेज दिया गया है। विपक्ष ने मंत्री की डिग्री को फर्जी करार दिया है और गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने 3 मई को NIA को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने हफीजुल हसन पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने जिस संस्था से पीएचडी डिग्री ली है, वह न तो UGC से मान्यता प्राप्त है और न ही किसी राज्य सरकार से। यह संस्था "भारत वर्चुअल ओपन यूनिवर्सिटी" के नाम से काम करती है।

बाबूलाल मरांडी  का कहना है कि इस यूनिवर्सिटी के पाकिस्तान से संबंध हैं और यह एक गिरोह के जरिए चलाई जाती है, जो विदेश में नौकरी दिलाने और एडमिशन के नाम पर लोगों से ठगी करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी के चांसलर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक संस्था द्वारा सम्मानित किया गया था, जिससे इसके संबंध और भी संदिग्ध नजर आते हैं। NIA की DIG जया रॉय ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए बाबूलाल मरांडी का पत्र CBI डायरेक्टर को भेज दिया है, ताकि इस मामले में जांच शुरू हो सके। अब CBI यह पता लगाएगी कि मंत्री की डिग्री असली है या नकली, और क्या इसका कोई सुरक्षा से जुड़ा खतरा है।

बीजेपी ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बताते हुए इसकी गहराई से जांच की मांग की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि हफीजुल हसन ने डिग्री को लेकर अपने सोशल मीडिया पोस्ट हटा दिए हैं और जिस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली गई थी, उसकी वेबसाइट भी 30 अप्रैल से बंद है। फिलहाल इस पूरे मामले पर मंत्री हफीजुल हसन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। 

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