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IAS अधिकारी के बेटे के फर्जी प्रमाण पत्र पर विवाद, BJP ने उठाए ये चार बड़े सवाल

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

रांची नगर निगम में एक आईएएस अधिकारी के बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे को भाजपा ने जोर-शोर से उठाया है। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक प्रेस नोट जारी कर अपनी सफाई पेश की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सरकार से चार महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं।

अजय साह ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के एक जन्म प्रमाण पत्र को वैध माना गया और अन्य को निरस्त कर दिया गया है। इस पर उन्होंने पहला सवाल उठाया कि रांची नगर निगम ने तीन में से किस प्रमाण पत्र को वैध ठहराया और किन्हें रद्द किया? इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया कि कौन सा प्रमाण पत्र असली है और कौन सा फर्जी?

अजय साह ने पूछा ये चार बड़े सवाल
अजय साह ने कई सवाल उठाते हुए कहा कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय शपथ पत्र देना अनिवार्य होता है। अगर फर्जी शपथ पत्र दिया गया था तो क्या नगर निगम ने संबंधित आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है? तीसरा सवाल यह था कि नगर निगम के उस अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई जिसने तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र जारी किए और उन्हें सत्यापित किया? चौथा और अंतिम सवाल था कि जिस ऊंचे पद पर संबंधित आईएएस अधिकारी कार्यरत हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कौन सी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है? भाजपा ने सवाल उठाया कि क्या ऐसे अधिकारी के भरोसे झारखंड का वित्त विभाग चलाया जाएगा?


अजय साह ने कहा कि झारखंड में 'कानून के राज' का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है और आरोप लगाया कि आम जनता और बड़े अधिकारियों के लिए अलग-अलग कानून लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई सामान्य व्यक्ति इस तरह का फर्जीवाड़ा करता। तो नगर निगम तुरंत कार्रवाई करता, लेकिन चूंकि मामला एक बड़े अधिकारी से जुड़ा है। निगम का रवैया नरम नजर आ रहा है। भाजपा ने इस मामले की गंभीरता से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

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