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Ranchi : विश्वास रैली का आयोजन करके आदिवासियों के साथ विश्वासघात कर रही है बीजेपी: कांग्रेस

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डेस्क: 

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बीजेपी द्वारा मोरहाबादी मैदान (रांची) में  "विश्वास रैली" के आयोजन पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. राकेश किरण महतो ने कहा कि जनजातीय समाज के साथ-साथ पूरे देश की जनता के साथ विश्वासघात करने के बाद बीजेपी द्वारा विश्वास करने का यह स्वांग हास्यास्पद है। केंद्र में बीजेपी की सरकार पिछले 8 साल से है। इन्हें अब आदिवासी समाज की याद आ रही है। बीजेपी की गलत नीतियों के कारण ही जनजातीय समाज ने उसे पूरी तरह से नकार दिया है। बीजेपी राजनीतिक प्रपंच कर उन्हें दिग्भ्रमित करने के प्रयास में लगी हुई है। 

जेपी नड्डा से इस ऐलान की उम्मीद थी! 
डॉ. महतो ने कहा कि झारखंड के साथ-साथ पूरे देश के जनजातीय समुदाय को आशा थी कि आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.जे. पी. नड्डा शायद  'विश्वास रैली' में आदिवासियों की चीर-प्रतिक्षित मांग - 'जनगणना कॉलम में सरना कोड जोड़ने ' की घोषणा करेंगे  लेकिन उन्होंने ऐसा ना करके पूरे देश के आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया है। इनका 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा' देश के आदिवासी,दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर लागू नहीं होता। इन वर्ग के लोगों की भावना का बीजेपी कभी सम्मान नहीं करती।

बीजेपी इनकी हितैषी बनने का लाख दिखावा कर ले लेकिन जनता इनकी चाल और चरित्र से भली-भांति वाकिफ है। इसीलिए अब इनके बहकावे में ये आने वाली नहीं है। 

आदिवासी मुख्यमंत्री बीजेपी को बर्दाश्त नहीं! 
डॉ. महतो ने आगे कहा कि आज रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन में  कांग्रेस-झामुमो गठबंधन सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन के व्यक्तिगत चरित्र पर जिस तरह से सार्वजनिक हमले किये गये इससे उनके दल बीजेपी की आदिवासी-मूलवासी विरोधी मानसिकता झलकती है। दरअसल झारखंड में जब से बीजेपी सत्ता से बाहर हुई है ,वह बहुत बेचैन हो उठी है। उन्हें आदिवासी समाज से आने वाले  झारखंड आंदोलनकारी के पुत्र हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना रास नहीं आ रहा है। इसीलिए इस सरकार को परेशान करने और काम नहीं करने देने के हर  संभव हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।

गठबंधन की छवि धूमिल करने को रैली हुई! 
डॉ. महतो ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के जबरदस्त दुरूपयोग करने के बावजूद भी कुछ क्षति नहीं कर पाने पर बीजेपी द्वारा झामुमो के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए रैली का आयोजन किया जा रहा है। बीजेपी अगर सचमुच झारखंड राज्य और यहाँ के आदिवासियों की हितैषी है तो उसे तत्काल केंद्र में झारखंड के बकाये 1.36 लाख करोड़ रुपये दे देने चाहिए ताकि जनता के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सके, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उसकी नियत में ही खोट है। गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ मोदी सरकार का यह बर्ताव अब आम बात हो चली है ।