रांची:
भारतीय जनता पार्टी के एसटी मोर्चा द्वारा झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली पर झारखंड कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बीजेपी की ये रैली दरअसल, आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों को प्रभावित करने की कवायद का हिस्सा लगती है। राजेश ठाकुर ने कहा कि बीते 20 वर्षों में बीजेपी को कभी आदिवासियों की याद नहीं आई लेकिन चुनाव आते ही नौटंकी शुरू हो गई।
आदिवासी वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश!
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ऐसे वक्त जबकि मांडर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, बीजेपी द्वारा रांची में रैली का आयोजन किया जाना उनकी राजनीतिक मंशा को दर्शाता है। राजेश ठाकुर ने कहा कि हमें ये भी देखना होगा कि चुनाव के लिए जारी आदर्श आचार संहिता के बीच भगवान बिरसा मुंडा जन विश्वास रैली का आयोजन कहीं इसका उल्लंघन तो नहीं है। यदि ऐसा है तो हम मंत्रणा के बाद चुनाव आयोग में शिकायत करने पर विचार करेंगे।
क्या रैली में किया गया खर्चा चुनाव का हिस्सा नहीं!
राजेश ठाकुर ने कहा कि हम फिलहाल इस पर चर्चा कर रहे हैं कि बीजेपी द्वारा आयोजित इस शक्ति प्रदर्शन अथवा रैली में जो खर्चा किया गया, क्या वो चुनावी खर्च के दायरे में आता है। इसका आकलन किए जाने के बाद हम तय करेंगे कि आदर्श आचार सहिंता के उल्लंघन का आरोप लगाकर बीजेपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई जाए या नहीं। ये गंभीर मामला है। राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारी समझ से इसमें कोई दोराय नहीं है कि मांडर उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने शक्ति प्रदर्शन के इरादे से रैली का आयोजन किया। इसमें बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने शिरकत की और राजनीतिक बयानबाजी की।
चुनाव आयोग में ले जाई जा सकती है इसकी शिकायत!
प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मांडर विधानसभा सीट रांची जिला के अंतर्गत आता है। 23 जून को वहां उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों के नाम पर रैली का आयोजन किया। मांडर विधानसभा सीट एक आदिवासी बहुल इलाका है। इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। बीजेपी नेताओं के भाषणों में इसका प्रयास भी दिखता है। जिस जिले में चुनाव होना है वहां किसी पॉलिटिकल पार्टी द्वारा ऐसी रैली का आय़ोजन निश्चित रूप से आचार सहिंता का उल्लंघन है।